scriptरिश्वत मामले में बड़ा खुलासा : जज का पीए तलाशता था गढ़ा धन, करोड़ों की सम्पति का है मालिक | PA of special court in jaipur arrest taking bribe of 80000 by acb | Patrika News

रिश्वत मामले में बड़ा खुलासा : जज का पीए तलाशता था गढ़ा धन, करोड़ों की सम्पति का है मालिक

locationजयपुरPublished: May 10, 2019 10:42:16 pm

दलाली कर रहा एक एडवोकेट फरार

acb trap

रिश्वत मामले में बड़ा खुलासा : जज का पीए तलाशता​ था गढ़ा धन, करोड़ों की सम्पति का है मालिक

मुकेश शर्मा / जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के हत्थे चढ़े न्यायाधीश का पीए अर्जुनलाल जमीन में गढ़ा धन तलाशता था। एसीबी ने जब अर्जुनलाल को गिरफ्तार किया तो उसकी गाड़ी से मेटल डिक्टेक्टिव मशीन मिली, जो गढ़ा धन तलाशने के लिए उसने अपने साथ रखे हुए था। सूत्रों के अनुसार वह एक वास्तु शास्त्री के साथ किसी पहाड़ी पर गढ़ा धन तलाश कर रिश्वत लेने पहुंचा था। वह इसके लिए तंत्र—मंत्र का भी सहारा लेता था। एसीबी को उसके घर से करोड़ों की सम्पत्ति के दस्तावेज मिले हैं।
एसीबी के अनुसार रिश्वत छोड़ चार दिन से गढ़ा धन निकालने भटक रहा था। चार दिन से प्रदीप 80 हजार रुपए लेकर अर्जुनलाल को देने के लिए बातचीत कर रहा था। लेकिन अर्जुनलाल समय मिला लेता, लेकिन अचानक जमीन में गढ़ा धन तलाशने निकल जाता। भरतपुर और जयपुर में कई जगह गढ़ा धन की तलाश के लिए जा चुका था।
यह है मामला
एसीबी के अनुसार गुरुवार रात को विशिष्ठ न्यायालय (प्रिटिंग स्टेशनरी गबन प्रकरण) के न्यायाधीश के पीए के पद पर पदस्थापित अर्जुनलाल जाट को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। ब्यूरो ने रिश्वत देने वाले प्रदीप शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। जबकि मामले में प्रदीप के जीजा का जीजा (दलाल) एडवोकेट विजय शर्मा घटना के बाद से फरार है। एसीबी उसको भी तलाश रही है। विजय शर्मा के कहने पर ही प्रदीप रिश्वत की यह राशि अर्जुनलाल जाट को देने पहुंचा था।
यह मिली सम्पत्ति

एसीबी ने आरोपी अुर्जनलाल के घर सर्च किया, जहां पर स्वयं, परिवार और अन्य व्यक्तियों के नाम की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति के दस्तावेज मिले। डेढ़ करोड़ रुपए कीमत के दो फ्लैट, जयपुर में विभिन्न स्थानों पर 10 आवासीय भूखंड, 8 बीघा कृषि भूमि, दो गैंस एजेन्सी और कन्सट्रक्शन कंपनी के दस्तावेज मिले।
पकड़ा गया तब था वास्तुशास्त्री के साथ
एसीबी टीम ने जब अर्जुनलाल को विश्वकर्मा रोड़ नंबर 14 पर पकड़ा तो उस समय उसके साथ दिल्ली के वास्तुशास्त्री राजेन्द्र बजाज भी थे। मामले में वास्तुशास्त्री राजेन्द्र बजाज की भूमिका नहीं होने पर उन्हें जाने दिया गया।
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