बताया जा रहा है कि कुछ पाकिस्तानियों का मानना है कि फिल्म से मुसलमानों की छवि खराब होगी। इससे पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर पाकिस्तान के प्रमुख मोबशिर हसन ने बताया था कि फिल्म पद्मावत को प्रदर्शन के लिए उपयुक्त करार दिया गया है। फिल्म वितरकों और कुछ इतिहासकारों की राय के बाद फिल्म को यू सर्टिफिकेट दिया गया है।
गौरतलब है कि राजस्थान में राजपूतों के विरोध के चलते अभ्भी तक फिल्म पद्मावत रिलीज नहीं हो पाई है। पद्मावत के विरोध की आग राजस्थान से उठकर पूरे देश में फैल गई थी जिसके बाद पूरे देश में राजपूत संगठनों द्वारा फिल्म का जोदार विरोध प्रदर्शन हुआ और फिल्म पर बैन लगाने की मांग उठी थी। संगठनों की मांग के अनुसार फिल्म का नाम पद्मावती से बदलकर पद्मावत कर दिया गया और कई सीन्स भी फिल्म से हटा दिए गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिल्म भारत में रिलीज हो पाई है। पद्मावत के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राजपूत समाज एवं संगठनों ने विरोध और तेज कर दिया था।
महिलाओं ने दी थी जौहर की धमकी
फिल्म के विरोध में राजपूत महिलाओं ने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा था, कि जिस तरह चित्तौड़ में हजारों महिलाएं ने जौहर किया था उसी तरह अगर ये फिल्म रिलीज हुई तो हम भी अपने आप को जौहर की आग के हवाले कर देंगी।