करणी सेना अध्यक्ष महिपाल मकराना ने ये धमकी दीपिका पादुकोण के उस बयान पर दी जिसमें कहा गया था कि फिल्म हर हाल में रिलीज होगी। गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण ने कहा था कि कोई भी चीज इस फिल्म के प्रसारण पर रोक नहीं लगा सकती।
ये कहा था दीपिका पादुकोण ने दीपिका ने कहा था ‘हम जिसके प्रति जवाबदेह हैं, वह सिर्फ सेंसर बोर्ड है। मैं जानती हूं और मेरा विश्वास है कि इस फिल्म की रिलीज को कोई रोक नहीं सकता। फिल्म इंडस्ट्री का सपोर्ट बताता है कि यह सिर्फ पद्मावती की बात नहीं है। हम इससे कहीं बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।’
अभी फिल्म देखी नहीं: प्रसून जोशी
फिल्म पद्मावती की रिलीज़ को लेकर हो रहे बवाल के बीच केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि फिलहाल उन्होंने पद्मावती फिल्म नहीं देखी है। उन्होंने उन तमाम खबरों का खंडन किया है जहां ये बताया जा रहा है कि उन्होंने फिल्म देख ली है।
जोशी ने बताया कि पद्मावती फिल्म देखने की खबर पूरी तरह से निराधार और असत्य है। न तो मैंने फिल्म अभी देखि है और ना ही इसे लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पद्मावती फिल्म को लेकर भी सीबीएफसी वही प्रक्रिया अपनाएगा जो अन्य फिल्मों को पास करने के लिए अपनाता है। इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि प्रसून जोशी ने पद्मावती फिल्म को देख लिया है और फिल्म के कंटेंट में उन्हें कुछ भी विवादित नहीं लगा है। जिससे उम्मीद जताई जा रही थी कि इस फिल्म को बिना किसी कट के पास कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही प्रसून जोशी फिल्म पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली का साथ देते नज़र आये थे। ऐसा तब हुआ था जब सीबीएफसी के सदस्य और बीजेपी नेता अर्जुन गुप्ता ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भंसाली पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज़ कराने की मांग की थी। उस वक्त प्रसून जोशी ने कहा था, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संजय लीला भंसाली के खिलाफ सीबीएफसी के सलाहकार पैनल के सदस्य द्वारा इस तरह की टिप्पणी की गई है। सदस्य का ये बयान ना तो सीबीएफसी का दृष्टिकोण है और ना ही सीबीएफसी बोर्ड की प्रतिक्रिया है। हम भंसाली का एक व्यक्ति और कलाकार के तौर पर सम्मान करते हैं। ”
अब सेंसर बोर्ड पर रहेगी नज़र
फिल्म को लेकर उपजे बवाल के बीच अब सभी की नज़र सेंसर बोर्ड की हरी झंडी को लेकर टिकी हुई हैं। फिल्म की रिलीज़ को अब समाज की भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है लिहाज़ा संस्पेंस इस बात को लेकर बरकरार है कि कि क्या सेंसर बोर्ड फिल्म को बिना कैंची चलाये पास कर देती है या फिर कुछ अंशों को हटाया जा सकता है जो किसी भी तरह के विवाद का रूप ले सकती है। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि भले ही सेंसर बोर्ड इस फिल्म के विवादित अंशों को हटाकर फिल्म रिलीज़ की अनुमति दे देता है तो भी क्या राजपूत संगठन इसे रिलीज़ होने देंगे? फिल्म एक दिसंबर को रिलीज़ होनी है और अभी तक इसे सेंसर बोर्ड से क्लियरेंस नहीं मिली है। संभावना है कि 19 नवम्बर को सेंसर बोर्ड के सदस्य फिल्म को देखकर इसके रिलीज़ को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
फिल्म को लेकर उपजे बवाल के बीच अब सभी की नज़र सेंसर बोर्ड की हरी झंडी को लेकर टिकी हुई हैं। फिल्म की रिलीज़ को अब समाज की भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है लिहाज़ा संस्पेंस इस बात को लेकर बरकरार है कि कि क्या सेंसर बोर्ड फिल्म को बिना कैंची चलाये पास कर देती है या फिर कुछ अंशों को हटाया जा सकता है जो किसी भी तरह के विवाद का रूप ले सकती है। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि भले ही सेंसर बोर्ड इस फिल्म के विवादित अंशों को हटाकर फिल्म रिलीज़ की अनुमति दे देता है तो भी क्या राजपूत संगठन इसे रिलीज़ होने देंगे? फिल्म एक दिसंबर को रिलीज़ होनी है और अभी तक इसे सेंसर बोर्ड से क्लियरेंस नहीं मिली है। संभावना है कि 19 नवम्बर को सेंसर बोर्ड के सदस्य फिल्म को देखकर इसके रिलीज़ को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
एक दिसंबर को भारत बंद का आह्वान
इस सभी विवादों और बवाल के बीच फिल्म पद्मावती के विरोध में राजपूत करणी सेना ने आगामी एक दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया हैं। करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि गत 30 जनवरी को भंसाली ने लिखित आश्वासन दिया था कि फिल्म रिलीज करने से पहले करणी सेना को विश्वास में लिया जाएगा लेकिन उन्होंने बिना चर्चा किए फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया।
इस सभी विवादों और बवाल के बीच फिल्म पद्मावती के विरोध में राजपूत करणी सेना ने आगामी एक दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया हैं। करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि गत 30 जनवरी को भंसाली ने लिखित आश्वासन दिया था कि फिल्म रिलीज करने से पहले करणी सेना को विश्वास में लिया जाएगा लेकिन उन्होंने बिना चर्चा किए फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया।