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भाजपा सरकार संवेदनहीनता छोड़े— पायलट

locationजयपुरPublished: Mar 27, 2018 07:55:06 pm

Submitted by:

rahul

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार संवेदनहीनता छोड़े

sachin pilot
जयपुर- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार संवेदनहीनता छोड़े और श्रीगंगानगर जिले के आन्दोलनरत किसानों से संवाद कर उनकी समस्त समस्याओं का शीघ्रातिशीघ्र समाधान करे।

पायलट ने कहा कि नहरी क्षेत्र के किसान पिछले चार सालों से परेशानियों का सामना कर रहे हैं और समस्याग्रस्त किसान निरन्तर अपनी बात को उठाने का प्रयास कर रहे हैं और बार-बार आन्दोलन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा उनकी समस्याओं को संज्ञान में नहीं लिये जाने से स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसानों के हितों को ना तो प्राथमिकता देती है, ना ही उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों का समाधान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की संवेदनहीनता इस बात से साबित होती है कि गत् चार वर्षों में सरकार ने जनता के साथ कोई संवाद स्थापित नहीं किया और आन्दोलन करने वाले किसानों का दमन किया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज से श्रीगंगानगर जिले के तीन दिवसीय दौरे पर हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि जनता के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा, जबकि सच्चाई यह है कि उप चुनावों की हार ने भाजपा सरकार को संकेत दे दिया है कि आगामी समय में भाजपा की प्रदेश से विदाई सुनिश्चित है। इसलिए अब चुनावी वर्ष होने के कारण मुख्यमंत्री और मंत्री प्रदेश के दौरे कर रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि आम जनता के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्या का निदान किया जाएगा।
इस क्रम में मुख्यमंत्री आज से श्रीगंगानगर जिले के दौरे पर है, परन्तु सब जानते हैं कि गत् चार सालों में भाजपा सरकार ने न तो नहरी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई हेतु पूरा पानी उपलब्ध करवाया है और ना ही नहरों की मरम्मत के लिए कोई काम किया है। उन्होंने कहा कि नहर मरम्मत के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है और एटा सिंगानसर माईनर निर्माण के लिए किसानों को पड़ाव डालने के लिए सरकार ने बार-बार मजबूर किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार को बंद कमरे में दिखावे की जनसुनवाई के स्थान पर किसानों के बीच जाकर उनकी वास्तविक समस्याओं का निदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गत् दिनों श्रीगंगानगर जिले के रावला-घड़साना में हुई ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा देकर राहत पहुॅंचानी चाहिए और इससे पूर्व आई प्राकृतिक आपदा के प्रभावित किसानों को मुआवजा मिला या नहीं इसे भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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