पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई चरम पर है और नोटबंदी के बाद एक बार फिर देश के कई राज्यों में अघोषित नोटबंदी जारी है और लोगों को मुद्रा की कमी के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2013 में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी तब भी पेट्रोल व डीजल की कीमतें मौजूदा कीमतों से कम थी। उन्होंने कहा कि आज डीजल के दाम लगभग 70 रूपए तक पहुॅंच गए हैं और पेट्रोल कई जगह 83 रूपये प्रति लीटर तक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि डीजल की बढ़ी दरों से ट्रांसपोर्ट मंहगा हो जाता है और उससे स्वत: अन्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार बनी थी तब कच्चे तेल की कीमतें 2013 की तुलना में लगभग आधी रह गई थी, तब भी सरकार ने जनता को राहत देने के स्थान पर सरकारी खजाने को भरा और आज भी कीमतें 2013 की तुलना में 30 प्रतिशत कम है लेकिन सरकार निरन्तर दरें बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि भ्रमित करने के लिए गत् बजट में सरकार ने एक्साईज ड्यूटी कम की थी, परन्तु साथ ही सेस लगाकर जनता को राहत से वंचित कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की इच्छाशक्ति जनता को राहत देने की होती तो सरकार वेट व एक्साईज ड्यूटी कम कर जनता को आर्थिक लाभ दे सकती थी, परन्तु कांग्रेस द्वारा जनहित में बार-बार चेताए जाने के बावजूद सरकार ने मॅंहगाई के सबसे बड़े कारक को कभी भी जनहित के लिए नियंत्रित नहीं किया और मॅंहगाई को लगातार बढ़ाने के लिए सरकार काम करती रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गत् लोकसभा व विधानसभा चुनावों में मॅंहगाई को बड़ा मुद्दा बनाया था, परन्तु जैसे हर वादे पर भाजपा सरकार ने छलावा किया है उसी प्रकार इस मुद्दे पर भी सरकार ने जनहित से भारी समझौता कर जनता को धोखा दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि संसद में विपक्ष द्वारा दिये गये सुझावों को लागू कर जनता को मॅंहगाई से राहत दिलाने के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गत् लोकसभा व विधानसभा चुनावों में मॅंहगाई को बड़ा मुद्दा बनाया था, परन्तु जैसे हर वादे पर भाजपा सरकार ने छलावा किया है उसी प्रकार इस मुद्दे पर भी सरकार ने जनहित से भारी समझौता कर जनता को धोखा दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि संसद में विपक्ष द्वारा दिये गये सुझावों को लागू कर जनता को मॅंहगाई से राहत दिलाने के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिए।