लेफ्टिनेंट जनरल अबिदुल्लाह खटक
लेफ्टिनेंट जनरल शहाफत शाह
लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज
लेफ्टिनेंट जनरल खालिद मकबूल
आईएसआई के पूर्व डीजीसी मेजर जनरल नुसरत नईम
लेफ्टिनेंट जनरल शफातउल्लाह शाह की पत्नी
लेफ्टिनेंट जनरल अफजल मुज्जफर को बेटा मोहम्मद हसन मुज्जफर
लेफ्टिनेंट जनरल अली गुल की बहन शहनाज सज्जाद
लेफ्टिनेंट जनरल तनवीर ताहिर की पत्नी जाहिरा तनवीर
लेफ्टिनेंट जनरल हबीबुल्लाह खान खटक की बेटी शहनाज सज्जाद अहमद
पूर्व वायुसेना प्रमुख अब्बास खटक के बेटे उमर और अहद खटक
लेफ्टिनेंट कर्नल और पूर्व मंत्री राजा नादिर परवेज
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और सैन्य अधिकारियों की भ्रष्टता की पराकाष्ठा का आलम यह है कि कराची हो या इस्लामाबाद। लाहौर हो या रावलपिंडी। इन शहरों की किसी भी कालोनी के कार्नर के प्लॉट पर सेना अधिकारियों का ही कब्जा है। लंदन में प्लाट खरीदने के लिए यह कुछ भी कर सकते हैं। यही वजह है कि कराची कार्नर प्लाट से शुरू हुआ यह खेल अब लंदन में आफशोर कंपनियों के माध्यम से अपार्टमेंट खरीद तक पहुंच गया है।
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी सीधे अपने नाम पर संपत्ति खरीदने के बजाय बीबी, बेटी या फिर बहन का प्रयोग कर रहे हैं। पहले यह किसी भी सूचना या फिर काम पूरा कराने के लिए सौदा करते हैं। फिर उसके एवज में आफसोर कंपनी में अपने परिवार के किसी को निदेशक बनाते हैं। जब तक काम चलता है इनका परिवारिक सदस्य व्यवसायिक की साझेदारी में रहता है। जैसे ही काम जैसे पूरा होता है। पहला निदेशक कंपनी छोडकर चला जाता है और फिर पूरी कंपनी इनकी हो जाती है। कंपनी की मालिक होने के नाते वह सारी संपत्ति उनकी हो जाती है।