निश्चित रूट पर चलती है टिड्डी
टिड्डी एक विशेष रूट पर ही मौसम के अनुसार आगे बढ़ती है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही टिड्डी अफ्रीका के पश्चिमी से पूर्व व उत्तर दिशा में बसे देशों में जाती है। वहीं खाड़ी देशों से यह ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक आती है। भारत से आगे सामान्यत टिड्डी नहीं जाती है, हालांकि इस साल नेपाल भी पहुंच गई।
टिड्डी एक विशेष रूट पर ही मौसम के अनुसार आगे बढ़ती है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही टिड्डी अफ्रीका के पश्चिमी से पूर्व व उत्तर दिशा में बसे देशों में जाती है। वहीं खाड़ी देशों से यह ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक आती है। भारत से आगे सामान्यत टिड्डी नहीं जाती है, हालांकि इस साल नेपाल भी पहुंच गई।
नवम्बर की बजाय फरवरी में गई टिड्डी
भारत-पाक में 26 साल बाद वर्ष 2019 में टिड्डी का हमला हुआ था। पिछले साल पाकिस्तान ने सिंध व पंजाब प्रांत में स्थित मरुस्थल में टिड्डी के अण्डों और हॉपर को खत्म करने की बजाय प्रशय दिया ताकि वे अपने प्राकृतिक रूट के अनुसार भारत की तरफ बढ़े और वहां वनस्पति को नुकसान पहुंचाए। यही कारण रहा कि 2019 में टिड्डी सर्दियों की शुरुआत यानी नवम्बर में लौटने की बजाय फरवरी 2020 तक आती रही। इससे भारत की रबी की फसल को नुकसान हुआ। राजस्थान में एक हजार करोड़ का खराबा हुआ था।
भारत-पाक में 26 साल बाद वर्ष 2019 में टिड्डी का हमला हुआ था। पिछले साल पाकिस्तान ने सिंध व पंजाब प्रांत में स्थित मरुस्थल में टिड्डी के अण्डों और हॉपर को खत्म करने की बजाय प्रशय दिया ताकि वे अपने प्राकृतिक रूट के अनुसार भारत की तरफ बढ़े और वहां वनस्पति को नुकसान पहुंचाए। यही कारण रहा कि 2019 में टिड्डी सर्दियों की शुरुआत यानी नवम्बर में लौटने की बजाय फरवरी 2020 तक आती रही। इससे भारत की रबी की फसल को नुकसान हुआ। राजस्थान में एक हजार करोड़ का खराबा हुआ था।