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अपने ही जाल में फंसा पाकिस्तान, टिड्डी का हो सकता है यू-टर्न

locationजयपुरPublished: Jul 06, 2020 10:12:17 pm

Submitted by:

Abrar Ahmad

यूएनओ ने दी चेतावनी: हवा का रुख बदलने से पाकिस्तान में दुबारा घुस सकती है टिड्डी

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यूएनओ ने दी चेतावनी: हवा का रुख बदलने से पाकिस्तान में दुबारा घुस सकती है टिड्डी

जोधपुर. चरमपंथियों की तरह टिड्डी को भारत की सीमा के पास पालकर भारत भेजने वाले पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की चेतावनी ने चिंता की लकीरें खींच दी है। यूएनओ के मुताबिक मानसूनी हवा की दिशा बदलते ही टिड्डी हवा के साथ वापस पाकिस्तान में दाखिल हो सकती है। विशेषकर पाक के थारपारकर, नारा व चोलिस्तान रेगिस्तान में टिड्डी दुबारा आकर अंडे दे सकती है। इससे पाक की खरीफ की फसल को खतरा होगा। मानसून की दिशा दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्व रहती है लेकिन राजस्थान में बंगाल की खाड़ी की मानसूनी शाखा से बरसात अधिक होने की वजह से हवा पूर्व से पश्चिमी की ओर भी चलती है, जिसे मानसून की पुरवाई कहते हैं। पुरवाई की तीव्रता अधिक हुई तो टिड्डी बिहार से उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान होते हुए वापस पाक में घुस सकती है।
निश्चित रूट पर चलती है टिड्डी
टिड्डी एक विशेष रूट पर ही मौसम के अनुसार आगे बढ़ती है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही टिड्डी अफ्रीका के पश्चिमी से पूर्व व उत्तर दिशा में बसे देशों में जाती है। वहीं खाड़ी देशों से यह ईरान, पाकिस्तान होते हुए भारत तक आती है। भारत से आगे सामान्यत टिड्डी नहीं जाती है, हालांकि इस साल नेपाल भी पहुंच गई।
नवम्बर की बजाय फरवरी में गई टिड्डी
भारत-पाक में 26 साल बाद वर्ष 2019 में टिड्डी का हमला हुआ था। पिछले साल पाकिस्तान ने सिंध व पंजाब प्रांत में स्थित मरुस्थल में टिड्डी के अण्डों और हॉपर को खत्म करने की बजाय प्रशय दिया ताकि वे अपने प्राकृतिक रूट के अनुसार भारत की तरफ बढ़े और वहां वनस्पति को नुकसान पहुंचाए। यही कारण रहा कि 2019 में टिड्डी सर्दियों की शुरुआत यानी नवम्बर में लौटने की बजाय फरवरी 2020 तक आती रही। इससे भारत की रबी की फसल को नुकसान हुआ। राजस्थान में एक हजार करोड़ का खराबा हुआ था।

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