जयपुर

पाम तेल के आयात पर लग सकती है रोक

बंद पड़ी तेल इकाईयों को मिलेगी राहत

जयपुरOct 14, 2019 / 05:20 pm

Jagmohan Sharma

पाम तेल के आयात पर लग सकती है रोक

जयपुर. बारिश के चलते देश में सरसों की बिवाई में एक माह की देरी हो चुकी है। इस बार नई सरसों मार्च के अंत तक ही मंडियों में आएगी, जबकि सामान्यत फरवरी अंत तक बाजार में आ जाती है। उधर भारत मलेशिया से पाम तेल का आयात सीमित करने की योजना बना रहा है। कारोबारियों का कहना है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना किए जाने की प्रतिक्रिया में सरकार मलेशिया से पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है, जिससे सरसों में तेजी आने की उम्मीद है। भारत सालाना 90 लाख टन से ज्यादा पाम तेल का आयात करता है। इसमें मलेशिया एवं इंडोनेशिया का सबसे बड़ा योगदान है।
चालू होंगी इकाइयां:उधर कोटा के प्रमुख कारोबारी विशाल गर्ग कहते हैं कि हाड़ौती बैल्ट में सरसों की बिजाई इस बार एक माह से भी ज्यादा लेट होने के आसार हैं। लिहाजा सरसों में फिलहाल मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। डाटा ने कहा कि सरकार यदि पाम तेल के आयात को समाप्त करती है या सीमित करती है, तो तेल उद्योग एवं किसानों को काफी राहत मिलेगी। किसानों को सरसों का उचित मूल्य मिल सकेगा तथा राजस्थान में बंद पड़ी तेल इकाईयों को ऑक्सीजन मिलेगी।
किसानों का मुनाफा बढ़ेगा
इसके अलावा सरसों शीघ्र ही एमएसपी के आसपास बिकने लगेगी। जिससे किसानों को सरसों बेचने पर अधिक मुनाफा मिलेगा। वर्तमान में सरसों का एमएसपी 4200 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में सरसों के भाव 3980 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं।
त्योहारी मांग से उछले खाद्य तेल
मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने बताया कि वर्तमान में देश में सरसों का कुल स्टॉक 25 लाख टन के आसपास है। इसमें 12 लाख टन सरसों नाफैड जैसी सरकारी एजेंसियों के पास है। बाकी सरसों का स्टॉक किसानों एवं व्यापारियों के पास है। त्योहारी मांग को देखते हुए इन दिनों सरसों व इसके तेल में अच्छी तेजी आ चुकी है। आगे भी डिमांड बनी रहने के कारण सरसों सीड में तेजी के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। वर्तमान में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन 4275 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक रही है।

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