भाई-भाई व देवरानी-जेठानी को भी नहीं मिली जीत
ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ में सरपंच के लिए चुनाव लड़े दोनों सगे भाई छीतरमल कुमावत व मोहनलाल कुमावत चुनाव हार गए। छीतर को 27 तथा मोहन को सिर्फ 32 वोट मिले। वहीं ग्राम पंचायत सामोद में जेठानी रेखा देवी व देवरानी संतोषदेवी भी चुनाव हार गई। इधर, गोविंदगढ़ ग्राम पंचायत में सरपंच के पद के लिए चुनाव लड़ रही पत्नी भगवती देवी को 24 वोट मिले जबकि वार्ड पंच का चुनाव लड़ रहे रणजीत सिंह यादव वार्ड पंच का चुनाव जीत गए।
ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ में सरपंच के लिए चुनाव लड़े दोनों सगे भाई छीतरमल कुमावत व मोहनलाल कुमावत चुनाव हार गए। छीतर को 27 तथा मोहन को सिर्फ 32 वोट मिले। वहीं ग्राम पंचायत सामोद में जेठानी रेखा देवी व देवरानी संतोषदेवी भी चुनाव हार गई। इधर, गोविंदगढ़ ग्राम पंचायत में सरपंच के पद के लिए चुनाव लड़ रही पत्नी भगवती देवी को 24 वोट मिले जबकि वार्ड पंच का चुनाव लड़ रहे रणजीत सिंह यादव वार्ड पंच का चुनाव जीत गए।
पिता का नामांकन खरिज तो बेटा बन गया सरपंच
सामोद. पंचायत समिति क्षेत्र में सबसे अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले हाथनौदा से सरपंच बने अनिल कुमार सेरावत का चुनाव लडऩा तथा जीतना भी कम रोचक नहीं रहा। जानकारी अनुसार अनिल शेरावत के पिता सरपंच पद के लिए उम्मीदवार थे। नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
सामोद. पंचायत समिति क्षेत्र में सबसे अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले हाथनौदा से सरपंच बने अनिल कुमार सेरावत का चुनाव लडऩा तथा जीतना भी कम रोचक नहीं रहा। जानकारी अनुसार अनिल शेरावत के पिता सरपंच पद के लिए उम्मीदवार थे। नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
लेकिन एक प्रत्याशी अपने ही किसी नजदीकी रिश्तेदार को डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरवाता है। इसके चलते अनिल ने भी अपने पिता के डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था।
फार्म में त्रुटि होने से इनके पिता का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया तथा इनका सही पाया गया। इस पर इनको चुनाव लडऩा पड़ा तथा 2997 मत प्राप्त कर निकटतम प्रतिद्वंदी को 1999 वोटों से पराजित किया। जो गोविंदगढ़ पंचायत समिति की किसी भी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर जीत का सबसे बड़ा अतंर है।