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रिश्तों के रोचक मुकाबले का आया परिणाम: पति सरपंच निर्वाचित, पत्नी को मिले महज 3 वोट

locationजयपुरPublished: Jan 25, 2020 03:54:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

गोविंदगढ़ पंचायत समिति में 22 जनवरी को हुए पंचायत राज चुनाव में रिश्तों के बीच ही हुए रोचक मुकाबले को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में जहां काफी चर्चा रही।

रिश्तों के रोचक मुकाबले का आया परिणाम: पति सरपंच निर्वाचित, पत्नी को मिले महज 3 वोट
जयपुर। गोविंदगढ़ पंचायत समिति में 22 जनवरी को हुए पंचायत राज चुनाव में रिश्तों के बीच ही हुए रोचक मुकाबले को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में जहां काफी चर्चा रही। चुनाव परिणाम सामने आए तो ग्राम पंचायत किशनपुरा में सरपंच पद पर हरदेव देवन्दा निर्वाचित घोषित किए गए तथा उनकी पत्नी परमेश्वरी देवी को मात्र 3 वोट मिले। हरदेव देवेंद्र को 701 वोट मिले उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सेवाराम मावलिया रहे जिनको उन्होंने 11 मत से हराया।
भाई-भाई व देवरानी-जेठानी को भी नहीं मिली जीत
ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ में सरपंच के लिए चुनाव लड़े दोनों सगे भाई छीतरमल कुमावत व मोहनलाल कुमावत चुनाव हार गए। छीतर को 27 तथा मोहन को सिर्फ 32 वोट मिले। वहीं ग्राम पंचायत सामोद में जेठानी रेखा देवी व देवरानी संतोषदेवी भी चुनाव हार गई। इधर, गोविंदगढ़ ग्राम पंचायत में सरपंच के पद के लिए चुनाव लड़ रही पत्नी भगवती देवी को 24 वोट मिले जबकि वार्ड पंच का चुनाव लड़ रहे रणजीत सिंह यादव वार्ड पंच का चुनाव जीत गए।
पिता का नामांकन खरिज तो बेटा बन गया सरपंच
सामोद. पंचायत समिति क्षेत्र में सबसे अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले हाथनौदा से सरपंच बने अनिल कुमार सेरावत का चुनाव लडऩा तथा जीतना भी कम रोचक नहीं रहा। जानकारी अनुसार अनिल शेरावत के पिता सरपंच पद के लिए उम्मीदवार थे। नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
लेकिन एक प्रत्याशी अपने ही किसी नजदीकी रिश्तेदार को डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरवाता है। इसके चलते अनिल ने भी अपने पिता के डमी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था।
फार्म में त्रुटि होने से इनके पिता का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया तथा इनका सही पाया गया। इस पर इनको चुनाव लडऩा पड़ा तथा 2997 मत प्राप्त कर निकटतम प्रतिद्वंदी को 1999 वोटों से पराजित किया। जो गोविंदगढ़ पंचायत समिति की किसी भी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर जीत का सबसे बड़ा अतंर है।
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