उधर, धौलपुर जिला परिषद् के 23 वार्डों में से 17 जीतकर कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। वहीं भाजपा के यहां मात्र 6 प्रत्याशी जीत सके हैं। अलवर जिला परिषद् के 49 वार्डों में से 25 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 20 वार्ड भाजपा ने और 4 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने विजय हांसिल की है।
धौलपुर – कांग्रेस को पूर्ण बहुमत अलवर – कांग्रेस को पूर्ण बहुमत
— जिलों में यह रही पंचायत समितियों में स्थिति
जिला – अलवर पंचायत समितियां – 16
कांग्रेस को पूर्ण बहुमत – किशनगढ़बास, रामगढ़, थानागाजी, उमरैण
कांग्रेस को बढ़त – मालाखेड़ा, रैणी भाजपा को बढ़त – बानूसर, बहरोड़, गोविन्दगढ़, कठूमर, कोटकासिम, राजगढ़, तिजारा
अन्य को बढ़त – लक्ष्मणगढ़, नीमराणा —
जिला- धौलपुर पंचायत समितियां – 6
कांग्रेस को पूर्ण बहुमत – बाड़ी, राजाखेड़ा
कांग्रेस को बढ़त – धौलपुर, बसेड़ी अन्य को बढ़त – सरमथुरा
— पिछली बार भाजपा रही थी भारी, लेकिन…
पिछले चुनावों में अलवर-धौलपुर दोनों ही जिला परिषदों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था। धौलपुर में भाजपा ने अपना जिला प्रमुख बना लिया था, लेकिन अलवर में क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा बहुमत के बावजूद अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकी थी।
भाजपा-कांग्रेस की निर्दलीयों पर नजर अलवर-धौलपुर जिलों के पंचायत चुनाव परिणाम आने के साथ ही बाड़ाबंदी में रखे गए विजयी उम्मीदवारों के साथ चुनाव जीते निर्दलीय उम्मीदवारों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दोनों ही दलों के स्थानीय नेताओं के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेता भी निगरानी रख रहे हैं। दोनों ही दलों को सेंधमारी का डर सता रहा है। चुनाव परिणाम आने के बाद उन प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से घर भेज दिया गया है, जिनको हार मिली थी। हाल ही कुछ जिलों में हुए पंचायत चुनावों में दोनों ही दलों को अपनों की क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा था। इससे प्रधान-प्रमुख बनाने में जीती बाजी हार गए थे।