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सरकारी योजनाओं के प्रचार में मनमर्जी के खर्च पर लगाम, एक ही स्थान से होगी आईइसी

locationजयपुरPublished: Oct 30, 2021 11:35:57 am

Submitted by:

Pankaj Chaturvedi

— पंचायत राज विभाग में तैयारी, अलग—अलग स्कीमों में 37 करोड़ रुपए के बजट को लेकर रिपोर्ट तैयार
 

सरकारी योजनाओं के प्रचार में मनमर्जी के खर्च पर लगाम, एक ही स्थान से होगी आईइसी

सरकारी योजनाओं के प्रचार में मनमर्जी के खर्च पर लगाम, एक ही स्थान से होगी आईइसी

जयपुर. पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजना सिरे चढ़ी तो अब विभाग के विभिन्न अनुभागों में संचालित योजनाओं के प्रचार—प्रसार के लिए मनमर्जी के आईइसी खर्च पर लगाम कसेगी। विभाग ने अपने अधीन संचालित करीब दस विभिन्न केन्द्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं के आईइसी बजट को एकीकृत करने की तैयारी कर ली है। इन योजनाओं में प्रतिवर्ष करीब 37 करोड़ रुपए प्रचार—प्रसार पर खर्च करने का प्रावधान है। विभाग की प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा ने अलग—अलग योजनाओं के खर्च को समन्वित करने के निर्देश दिए थे। इस पर विभाग ने सभी योजनाओं में अब तक हुए खर्च, शेष राशि और इसके एकीकरण का मसौदा तैयार कर लिया है। जल्द ही सभी योजनाओं से जुड़े अधिकारियों की बैठक में इसे रखा जाएगा। यहीं एकीकरण को लेकर फैसला होगा।
किन योजनाओं को कितना बजट

योजना— सालाना बजट

राजीविका— 1.11 करोड़ रुपए
बायोफ्यूल, बंजर भूमि बोर्ड— 46 लाख रुपए
राजीव गांधी जल सिंचाई— 1.57 करोड़ रुपए
मनरेगा— 9 करोड़ रुपए
एसबीएम— 21 करोड़ रुपए
एसएपी— चयनित ग्राम पंचायतों में 50 हजार रुपए प्रति पंचायत
ग्राम स्वराज अभियान— 2.70 करोड़ रुपए
मानव संसाधन भी होंगे एकीकृत

विभाग बजट के अलावा विभिन्न योजनाओं में मानव संसाधन के तौर पर नियुक्त विषय विशेषज्ञ, कंसल्टेंट और रिसोर्स पर्सन को भी एकीकृत करने की योजना बना रहा है। फिलहाल इन सभी योजनाओं में प्रदेश भर में 51 हजार से अधिक कार्मिक लगे हुए हैं। जबकि विभाग का मानना है मनरेगा, आवास और अन्य ग्रामीण विकास की येाजना में एक जैसे काम के लिए अलग—अलग कार्मिक लगाने के बजाय एक ही कार्मिक को अलग—अलग प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
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