पत्रकारिता की विभिन्न विधाओं में श्रेष्ठ रहने वाले पत्रिका टीम के सदस्यों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह समारोह 11 जनवरी को होगा। पं. झाबरमल्ल शर्मा की स्मृति में वर्ष 1992 से शुरू हुई इस व्याख्यानमाला को देश के वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक और प्रबुद्धजन संबोधित करते रहे हैं। सृजनात्मक साहित्य पुरस्कारों के तहत कहानी में पहला पुरस्कार सीकर के संदीप मील की कहानी ‘जानना अभी बाकी है’ और कविता में पहला पुरस्कार कोटा के रामनारायण मीणा ‘हलधर’ की कविता ‘स्त्री और रंग’ को दिया जाएगा।
कहानी में दूसरा पुरस्कार जयपुर की पुष्पा गोस्वामी को उनकी कहानी ‘अतीतजीवी’ और कविता में दूसरा पुरस्कार दिल्ली के मैगसेसे अवॉर्ड विजेता अंशु गुप्ता को उनकी कविता ‘एक बार रोका तो होता’ के लिए दिया जाएगा। ये कहानी और कविताएं पत्रिका के परिशिष्टों में वर्ष 2020 में प्रकाशित हुई थीं। इस साल कहानी के निर्णायक मंडल में दिल्ली के युवा कहानीकार अभिषेक कश्यप, भिलाई छत्तीसगढ़ के डॉ. परदेशी राम वर्मा, जयपुर के कथाकार प्रमोद कुमार गोविल और कविता में इंदौर के साहित्यकार हरेराम वाजपेयी, कोटा के अंबिका दत्त और जयपुर के हरिराम मीणा शामिल थे।