लोगों ने दी पुलिस को सूचना
रेस्टोरेंट में आए लोगों को जब खाली प्लॉट में पैंथर दिखाई दिया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद मालवीय नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और वन विभाग को इसकी सूचना दी। घटनास्थल व उसके आस-पास मिले पगमार्क के आधार पर वन विभाग की टीम ने माना कि पैंथर वापस जंगल में लौट गया।
रेस्टोरेंट में आए लोगों को जब खाली प्लॉट में पैंथर दिखाई दिया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद मालवीय नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और वन विभाग को इसकी सूचना दी। घटनास्थल व उसके आस-पास मिले पगमार्क के आधार पर वन विभाग की टीम ने माना कि पैंथर वापस जंगल में लौट गया।
इससे पहले भी जयपुर के आबादी क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट देखा गया था। जेएलएन मार्ग, राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर, खोह नागोरियान और इंदिरा गांधी नगर में भी पैंथर देखा जा चुका है। जंगलों में खान-पान की कमी और वन क्षेत्रों में बढ़ते मानव दखल के चलते पैंथर व अन्य जंगली जीव आबादी के बीच पहुंच जाते हैं, लेकिन इस ओर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
मॉर्निंग वॉक पर निकले साधु पर किया था हमला
गलता से पहले घाट के बालाजी से 200 मीटर दूर एक मंदिर के महाराज रामरजदास त्यागी पर भी तेंदुए ने हमला किया था। हमले में महाराज त्यागी जख्मी हो गए थे। हालांकि शोर मचाने के बाद तेंदुआ मौके से भाग गया। महाराज त्यागी ने बताया कि श्री निवास बालाजी मंदिर से पहले मिट्टी के टीले से तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हमले से घायल महाराज जमीन पर चित होकर गिर गए। पंजा मारने से उनकी पीठ पर पांच जगह खरोंच के निशान आ गए थे।
गलता से पहले घाट के बालाजी से 200 मीटर दूर एक मंदिर के महाराज रामरजदास त्यागी पर भी तेंदुए ने हमला किया था। हमले में महाराज त्यागी जख्मी हो गए थे। हालांकि शोर मचाने के बाद तेंदुआ मौके से भाग गया। महाराज त्यागी ने बताया कि श्री निवास बालाजी मंदिर से पहले मिट्टी के टीले से तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। अचानक हमले से घायल महाराज जमीन पर चित होकर गिर गए। पंजा मारने से उनकी पीठ पर पांच जगह खरोंच के निशान आ गए थे।
भोजन-पानी की कमी के चलते जंगल से बाहर आते हैं पैंथर
झालाना वन क्षेत्र की छोटी चारदीवारी तथा वहां भोजन की कमी के चलते अक्सर पैंथर बाहर आ जाते हैं।
झालाना वन क्षेत्र की छोटी चारदीवारी तथा वहां भोजन की कमी के चलते अक्सर पैंथर बाहर आ जाते हैं।