बतादें कि एनआईसी के ई-ऑफिस का पहला चरण मार्च 2020 तक पूरा किए जाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था, लेकिन इसे समय से पहले तेजी से पूरा करते हुए भारतीय रेल की 58 यूनिटों में 5 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं को सफलातपूर्वक पंजीकृत कर लिया गया। इस प्लेटफार्म को सही तरीके से संचालित करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम भी महज 6 महीने में पूरा कर लिया गया।
-ई-ऑफिस से जुड़ी ख़ास बातें ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना केंद्र की ओर से विकसित किया गया क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर है
रेलटेल के गुरूग्राम और सिंकदराबाद स्थित टीयर तीन अधिकृत केंद्र की ओर से अपलोड किया गया है
यह केंद्रीय सचिवालय की ई-ऑफिस प्रक्रिया नियमावली पर आधारित है
मौजूदा समय में ई-ऑफिस के चार माड्यूलों को लागू किया गया है
फाइल मैनेजमेंट सिस्टम (ई-फाइल) नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) कोलैबोरेशन एंड मेसेजिंग सर्विस (सीएएमएस) और पर्सनल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम ( पीआईएमएस)
शामिल हैं
बहरहाल, ई-ऑफिस जहां कार्यालयों में कागज के बगैर काम करने की संस्कृति को बढ़ावा देगा वहीं, खर्चे भी घटाएगा और साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाएगा जो आज के समय दुनिया की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है।