एक समय था जब पपला पहलवानी का शौक रखता था। इस बीच करीब 5 साल पहले रंजिश में उनके गुरू शक्ति गुर्जर उर्फ दुधिया की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। तब पपला और उसके साथी वीरेंद्र ने अपने गुरू शक्ति गुर्जर की हत्या का बदला लेने की कसम खाई और अपराध की दुनियां में कदम रखा। पपला गुर्जर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव है। फेसबुक पर पपला और उसकी गैंग से जुड़े कई अकाउंट और पब्लिक ग्रुप हैं। इन पर आए दिन हथियारों के साथ फोटो शेयर की जाती हैं।
गैंगस्टर पपला गुर्जर अपनी गैंग के करीब एक दर्जन बदमाशों के साथ 5 सितंबर की रात को अलवर जिले के बहरोड़ थाना इलाके में लादेन गैंग से हिस्ट्रीशीटर जसराम गुर्जर उर्फ जसराम पटेल की हत्या का बदला लेने के लिए आया था। इसी दौरान वह बहरोड़ पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। इसके बाद पपला गुर्जर के साथियों ने फिल्मी स्टाइल में बहरोड़ पुलिस थाने पर हमला बोल दिया और उसे छुड़ाकर ले गए।
पपला गिरोह के गुर्गों ने बहरोड़ थाने में एके 47 से 37 गोलियां दागी थीं। इनमें से आधी गोलियां तो हवालात का ताला तोड़ने के लिए चलाई थीं। जांच टीम को थाना परिसर से एके 47 के 33 खोल बरामद हुए हैं। हवालात से पपला गुर्जर को छुड़ा ले जाते गुर्गों की क्षतिग्रस्त कार से भी 70 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इनमें आधे एके 47 के थे। सेना और पुलिस के विशेष कमांडो के पास रहने वाला यह हथियार पपला गुर्जर गैंग के पास कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है।
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक बदमाशों ने 9 एमएम पिस्टल से 13 फायर किए। इसके 11 खोखे थाना परिसर से बरामद हुए हैं जबकि 7.62 पिस्टल से 4 गोलियां दागीं।इसके दो जिंदा कारतूस भी थाना परिसर में मिले हैं। दो फायर एसएचओ के कमरे पर किए गए थे। जांच अधिकारी इसे लेकर हैरत में हैं कि थाना परिसर में दीवारों पर ऊंचाई की तरफ फायर किए तो एसएचओ के कमरे के गेट पर दो फायर क्यों किए? गिरफ्तार बदमाशों से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। हमलावरों की कार में सभी हथियारों के 70 जिंदा कारतूस मिले हैं।