शान शौकत से रहने वाले विक्रम पपला के ठिकाने पर एटीएस की कार्रवाई के बाद जब पड़ोसियों को पता चला तो सभी दंग रह गए। इस मकान के पड़ोस में रहने वालों को पता चला कि बहरोड़ पुलिस थाने पर फायरिंग कांड का आरोपी पपला और उसके साथी उनके पड़ोसी थे तो वे दहशत में आ गए। अब तो मकान के पास रहने वालों को इतनी दहशत है कि वो लोग अब पपला केबारे में कुछ भी नहीं बोल पा रहे हैं। उनका कहना है कि पपला पुलिस वालों का ये हाल कर सकता है तो हम तो उसके आगे क्या है।
पपला गुर्जर की तलाश में एसओजी की टीम ने तिजारा के श्रीराम कॉलोनी स्थित एक मकान में दबिश दी, तो इलाके में सनसनी फैल गई। यह मकान आबकारी विभाग बहरोड़ में पदस्थापित एक बाबू का है। सूत्रों के अनुसार कुख्यात पपला गुर्जर को छुड़ाने के लिए थाने में सौदेबाजी और रैकी करने के आरोप में गिरफ्तार जखराणा के सरपंच विनोद स्वामी से पूछताछ में सामने आया कि बहरोड़ क्षेत्र में आबकारी विभाग में कार्यरत लिपिक मदन मोहन के तिजारा स्थित खाली मकान में पपला गुर्जर और उसके कुछ साथी करीब दो माह तक रहे थे।
सूचना मिलते ही एसओजी की टीम ने को इस मकान में दबिश दी, लेकिन एसओजी को वहां कुछ हाथ नहीं लगा। विनोद जनप्रतिनिधि के साथ शराब माफिया व बहरोड़ थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके पुलिस और आबकारी विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी से गहरे सम्बन्ध है। पुलिस सूत्रों से यह भी बात सामने आ रही है कि विनोद स्वामी के बाबू मदन मोहन से घनिष्ठता है और विनोद स्वामी ने ही पपला व उसके साथियों को फरारी काटने के हिसाब से इस मकान में ठहराया था।