गहलोत ने पिछले साल आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में कहा था कि राजस्थान की संस्कृति, संस्कार तथा परंपराओं से दान की प्रेरणा मिलती है और भावी पीढ़ी भी इन गौरवशाली परंपराओं को आत्मसात करे, इसके लिए राज्य सरकार वैदिक शिक्षा व संस्कार बोर्ड की स्थापना करेगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा को साकार करने के लिए अब कवायद की जा रही है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में पुरातन वैदिक ज्ञान- विज्ञान को फैलाकर संस्कृति और संस्कार बढ़ाने का प्रयास जारी है।
दिनेश चंद्र ने बताया कि वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड की स्थापना से वेदों में निहित गूढ ज्ञान को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ ही बोर्ड के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक दौर से जोड़कर प्राचीन विद्या को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रांत प्रचार प्रमुख अभिषेक सिंह ने बताया कि बैठक में आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा व गत सम्पन्न कार्यक्रमों की समीक्षा होती है। वर्तमान में सरकार के लिए निर्णयों पर चर्चा के दौरान उन सभी निर्णयों की प्रशंसा व निंदा भी होती है जो की निजी स्वार्थों के चलते राष्ट्रधर्म व हमारी संस्कृति पर कुठाराघात करने वाले होते हैं।