उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान विधानसभा सदन में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रश्नकाल में ”शिक्षा विभाग में कार्यरत 10 हजार पैराटीचर और 27 हजार ग्राम पंचायत सहायकों को नियमित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है” की बात कहकर नियमितीकरण का बाट जोह रहे पैराटीचर्स व ग्राम पंचायत सहायकों के सपनों को कुचलने का काम किया है।
राठौड़ ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ सरकार संविदाकर्मियों के लिए कमेटी का निर्माण करती है। मुख्यमंत्री बजट में संविदाकर्मियों के लिए सेवा नियम बनाने की घोषणा करते हैं और अब शिक्षा मंत्री का ऐसा बयान देना राज्य सरकार द्वारा उन्हें नियमितिकरण नहीं करने की मंशा को स्पष्ट रूप से प्रकट कर रहा है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर साफ है। विगत विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने घोषणा पत्र में पैराटीचर्स के नियमितीकरण का वादा किया था लेकिन अब अपने वादे से मुकर रही है। चुनाव के पहले कर्मचारियों को भ्रमित कर सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार वादों से यू-टर्न लेने में माहिर है।
राठौड़ ने कहा कि चुनावों में झूठ का पुलिंदा जनता और कर्मचारियों के समक्ष रखकर सत्ता में आसीन होने वाली कांग्रेस सरकार के लोक लुभावनी वादे की सच्चाई को हर कोई भली-भांति समझ चुका है। सरकार की प्रत्येक वादाखिलाफी का आगामी उपचुनाव में माकूल जवाब देने के लिए जनता ने कमर कस ली है।