किचन में प्लास्टिक के कंटेनर्स का इस्तेमाल नहीं करें। कांच के कंटेनर्स का इस्तेमाल करें। बच्चों के खिलौने लें तो बजाय प्लास्टिक के लकड़ी के खिलौने लें। ग्रॉसरी शॉपिंग के लिए जाते समय घर से कपड़े की थैली लेकर जाएं, बजाय प्लास्टिक की थैली लेने या नई थैली खऱीदने के।
गत्ते के बॉक्स को फेंकने से अच्छा है कि बच्चे इसका इस्तेमाल फनी आर्ट प्रोजक्ट में करें। बॉक्स के आकार पर निर्भर करता है कि आप इसकी स्पेसशीप, डॉल हाउस या थिएटर के लिए तलवारें, मुकुट आदि बना सकते हैं। लोगों को सामान ले जाने के लिए खाली बक्से की जरूरत होती है। इसे फेंके नहीं, इस्तेमाल करें।
बच्चों में पेड़-पौधों की देखभाल का शौक पैदा करें। बच्चों को साथ लेकर घर की बगिया में पेड़-पौधे लगाएं। उनके हाथ से पौधे लगवाएं। उनमें पानी डलवाएं। बच्चों को पेड़-पौधों की अहमियत समझााएं। उन्हेें बताएं कि पेड़-पौधे हमारी जिंदगी में कितनी अहमियत रखते हैं। बच्चों का पेड़-पौधों के प्रति लगाव बनाए रखें।
बच्चे प्रकृति के करीब तब होंगे, जब वे उसकी ख़ूबसूरती को महसूस करेंगे। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें शाम को या छुट्टी के दिन घूमने के लिए पार्क ले जाएं। उन्हें प्राकृतिक नजारों से रूबरू कराएं। लंबी छुट्टियों पर उन्हें प्राकृतिक जगह की सैर कराएं। प्रकृति और जानवरों से रूबरू कराएं।
बीज बोना और उसे बढ़ा होते देखने से ज्यादा दिलचस्प और रोचक भला क्या हो सकता है। बच्चों के लिए तो यह बहुत रोमांचक होता है। तो क्यों न गार्डन की शुरुआत कर और आहार से लेकर जड़ी बूटियों का उत्पादन कर बच्चे को ऑर्गेनिक खेती की अहमियत को समझाएं।
यह बहुत जरूरी है कि बच्चों को पानी की अहमियत समझाएं। उन्हें बताएं कि पानी की एक-एक बूंद की अहमियत है। उन्हें नहाते, ब्रश करते और साफ-सफाई करते समय पानी की बर्बादी के प्रति सचेत करते रहें। उन्हें बताएं कि पानी की कमी कितनी परेशानियों का कारण बन जाती है, इसलिए इसकी महत्ता समझों।
अपने छोटे बच्चों को बताएं कि चीजों को साझा करना कितनी अच्छी आदत है। बच्चों को बताएं कि उन्हें अपने पुराने कपड़े और किताबें दूसरे बच्चों को ख़ुशी-ख़ुशी दे देनी चाहिए। चाहे अपने छोटे भाई बहनों को दें या दूसरे जरूरतमंद बच्चों को। साझा करने से चीजों का बेहतर इस्तेमाल होता है।