बच्चे को इंटेलिजेंट बनाने में कम्यूनिकेशन स्किल महत्वपूर्ण होती है। अपने बच्चे को विभिन्न मौखिक गतिविधियों में शामिल करके उसके बात करने के कौशल में सुधार करने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। अपने बच्चे से दोस्त की तरह बात करें।
घर का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चे की सोच पॉजिटिव बनी रहे। बच्चे को शुरुआत से ही हर छोटे मोटे काम करने दें, जिससे वो आत्मनिर्भर बने। बच्चे के साथ उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश करें। साथ में उनकी पसंद का खेल खेलें।
बच्चों के लिए खिलौने उनकी उम्र का ध्यान रखते हुए चुनें। खिलौनों का असर बच्चों के मानसिक विकास पर तेजी से पड़ता है। हमेशा ऐसे खिलौने का चुनाव करें, जो बच्चों के विकास में सहायक साबित हों और उनके नुकसान न हों।
अपने बच्चे के साथ ऐसा कोई खेल खेलें, जिससे उसको अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिले और वह खेल उसे नई चीजें तलाशने और समझाने में मददगार साबित हो। बच्चे के साथ खेलने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करें।
छोटे बच्चे के मन में कई तरह के प्रश्न उठते हंै। वो जो कुछ भी देखता है उसे जानने की कोशिश करता है, इसलिए जब भी वो आपसे कुछ पूछे तो उसकी बातों को टालने की कोशिश ना करें । हर प्रश्नों का जबाब देकर उसकी जिज्ञासा को संतुष्ट करें।
सोशल इंटरेक्शन बच्चे को प्रोत्साहन का अनुभव प्रदान करते हैं और आपके बच्चे को बड़े होने पर चुनौतियों और स्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते हैं। उसकी उम्र के बच्चों के साथ खेलने के लिए उसे प्रेरित करें।
आप बच्चे को समझादार बनाना चाहते हंै, तो उनकी पसंद के मुताबिक बच्चे के सोने के समय कहानी सुनाने की आदत बना लें। भले ही वो आपकी कहानी को पूरी तरह न समझों। कहानियां सुनने से बच्चों की कल्पना शक्ति का विकास होता है।
अक्सर बच्चे को शुरुआती समय में पढ़ाई के बोझा से दूर रखा जाता है लेकिन स्कूल जाकर ही उसे पढ़ाने का इंतजार न करें, बल्कि खेल-खेल में उनके साथ रहकर खिलौने के माध्यम से आप बहुत कुछ उन्हें सिखा सकते है