उसे माहौल दीजिए
ध्यान रखिए कि बच्चा कोई भी भाषा तभी अच्छी तरह सीख पाता है जब उसके आसपास का माहौल वह भाषा सीखने में सहायक हो। परिवार के सदस्यों को भी उसके साथ वह भाषा सीखने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चे को उन जगहों पर ले कर जाएं, जहां भाषा के जानकार हों। उस भाषा में किताबें उपलब्ध हों।
ध्यान रखिए कि बच्चा कोई भी भाषा तभी अच्छी तरह सीख पाता है जब उसके आसपास का माहौल वह भाषा सीखने में सहायक हो। परिवार के सदस्यों को भी उसके साथ वह भाषा सीखने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चे को उन जगहों पर ले कर जाएं, जहां भाषा के जानकार हों। उस भाषा में किताबें उपलब्ध हों।
बढ़ता है दायरा
अधिक भाषाएं सीखने से बच्चे का दायरा बढ़ता है। अलग-अलग देशों के रहन-सहन, खानपान और सांस्कृतिक जानकारियों में बढ़ोतरी होती है। कम्यूनिकेशन स्किल
कई भाषाओं की समझ से कम्यूनिकेशन स्किल निखरती है। इससे बच्चे को मनोवैज्ञानिक बढ़त भी मिलती है, जो व्यक्तित्व विकास में मददगार होती है.
अधिक भाषाएं सीखने से बच्चे का दायरा बढ़ता है। अलग-अलग देशों के रहन-सहन, खानपान और सांस्कृतिक जानकारियों में बढ़ोतरी होती है। कम्यूनिकेशन स्किल
कई भाषाओं की समझ से कम्यूनिकेशन स्किल निखरती है। इससे बच्चे को मनोवैज्ञानिक बढ़त भी मिलती है, जो व्यक्तित्व विकास में मददगार होती है.
आत्मविश्वास में बढ़ोतरी
कई भाषाओं की जानकारी आत्मविश्वास में वृद्धि करती है, जिसका फायदा आगे चलकर जीवन के हर क्षेत्र में मिलता है। नौकरी में मददगार
आगे नौकरी, यात्रा और लोगों से मुलाकात के दौरान कई भाषाओं की जानकारी मददगार साबित होती है।
कई भाषाओं की जानकारी आत्मविश्वास में वृद्धि करती है, जिसका फायदा आगे चलकर जीवन के हर क्षेत्र में मिलता है। नौकरी में मददगार
आगे नौकरी, यात्रा और लोगों से मुलाकात के दौरान कई भाषाओं की जानकारी मददगार साबित होती है।