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अभिभावकों को कोविड काल की देनी होगी पूरी फीस

locationजयपुरPublished: Feb 09, 2021 12:37:25 am

Submitted by:

Rakhi Hajela

प्रदेश के लाखों अभिभावकों को झटकासुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोकजस्टिस एएम खानविलकर व जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की बैंच ने लगाई रोकसाल 2019-20 में तय फीस के हिसाब से देनी होगी पूरी फीस6 किस्तों में अभिभावक चुका सकते हैं फीस5 मार्च को देनी होगी पहसी किश्तभारतीय विद्या भवन, एसएमएस व अन्य स्कूलों की अपील पर दिया आदेशअधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल, अनुरूप सिंघी व अन्य की पैरवी –


राजस्थान (Rajasthan ) में प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर अभिभावकों को सुप्रीम कोर्ट (Spureme court ) से सोमवार को बड़ा झटका लगा है। कोविड काल के समय ऑनलाइन क्लासेज (Online classes ) के दौरान अभिभावकों ने फीस में रियायत की मांग की थी, इसपर राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan court) ने राहत देते हुए फीस में छूट दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब फीस का 100 फीसदी भुगतान करना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों को पूरे साल की फीस को चुकाने के लिए थोड़ी राहत भी दी है, यह फीस 6 किश्तों में चुकाई जा सकेगी।
6 किश्तों में दे सकेंगे पूरी फीस
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब अभिभावकों को स्कूल की पूरी फीस चुकानी होगी। 5 मार्च से स्कूल अपनी फीस वसूल सकेंगे। हालांकि अभिभावकों को कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुएफीस को 6 किश्तों में चुकाने की छूट भी दी है।
साल 2019-20 में तय फीस के हिसाब से देनी होगी फीस
कोर्ट के आदेशानुसार अब प्राइवेट स्कूल बढ़ी हुई फीस नहीं ले सकेंगे।5 मार्च 2021 से छात्रों से सत्र 2019-20 में तय फीस के हिसाब से ही वसूली हो सकेगी। हालांकि पूर्व में महज ट्यूशन फीस का 70 फीसदी देना तय हुआ था लेकिन अब पूरी फीस चुकानी होगी।
दबाव नहीं बना सकेंगे स्कूल, परीक्षा या क्लासेज पर असर नहीं
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी व्यवस्था दी है कि जो अभिभावक फीस नहीं दे पाए हैं उनके बच्चों को परीक्षा या क्लासेज से बेदखल नहीं किया जा सकेगा। स्कूल फीस वसूली के लिए उन पर अनावश्यक दबाव नहीं बना सकेंगे। कोर्ट ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि किसी छात्र की फीस जमा नहीं होने पर उसे स्कूल से बेदखल नहीं किया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती की खंडपीठ ने निजी स्कूल फीस विवाद मामले में अभिभावकों को राहत दी थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि जिन निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाया है, वे ट्यूशन फीस का 70 फीसदी ही फीस के तौर पर ले सकेंगे, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है।
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खत्म हुआ निजी स्कूलों और अभिभावकों का झगड़ा: अनिल शर्मा
प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों को लेकर जहां एक ओर निजी स्कूलों को राहत मिली है तो वहीं दूसरी ओर अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है। स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ८ फरवरी का दिन निजी स्कूलों के लिए राहत भरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फीस को लेकर जो निर्देश दिए हैं उससे निजी स्कूलों को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अभिभावकों और स्कूलों को राहत मिली है जिससे इतने दिनों से चल रहा फीस का मुद्दा और झगड़ा आज समाप्त हो गया है।
संघ लगाएगा पीआईएल
वहीं संयुक्त अभिभावक संघ ने उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावकों में भारी रोष है। संघ के प्रवक्ता अभिषेक बिट्टू ने कहा कि केवल एक मत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश दे दिए। संयुक्त अभिभावक संघ हर अभिभावक के लिए वचनबद्ध और प्रतिबद्ध है, जो भी कानूनी प्रक्रिया शेष है उन सभी का उपयोग किया जाएगा। अगर कोर्ट में पीआईएल भी लगानी पड़ी तो वह भी लगाई जाएगी। अभिभावकों को ऐसे आदेश की आशा ही नहीं थी। उच्चतम न्यायालय ने केवल स्कूलों के साथ न्याय कर प्रदेश के 2 करोड़ अभिभावकों के साथ अन्याय किया है।
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