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पार्कों के रखरखाव में चल रहा ‘गोलमाल’ का खेल, करोड़ों का बजट भी हुआ फेल

locationजयपुरPublished: Jan 09, 2020 12:08:49 pm

Submitted by:

dinesh

जयपुर नगर निगम ( Jaipur Nagar Nigam ) में पार्कों के रखरखाव के नाम पर खूब गोलमाल हो रहा है। शहर में सभी पार्कों की पूरी व्यवस्था ही निगम ने ठेके पर दे रखी है। ठेकेदार पार्कों का ठीक से रखरखाव तक नहीं कर पा रहे हैं। अधिकतर पार्कों में झूले टूटे हैं। कई जगह तो हाल ही लगी ओपन जिम तक तक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं…

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जयपुर। जयपुर नगर निगम ( Jaipur Nagar Nigam ) में पार्कों के रखरखाव के नाम पर खूब गोलमाल हो रहा है। शहर में सभी पार्कों की पूरी व्यवस्था ही निगम ने ठेके पर दे रखी है। ठेकेदार पार्कों का ठीक से रखरखाव तक नहीं कर पा रहे हैं। अधिकतर पार्कों में झूले टूटे हैं। कई जगह तो हाल ही लगी ओपन जिम तक तक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। लोगों की शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जबकि नगर निगम प्रशासन ने सुनवाई के लिए उपायुक्त के साथ-साथ सलाहकार भी नियुक्त किए हैं। शहरवासियों को घूमने फिरने के लिए बेहतर पार्क मिले, इसके लिए निगम का सालाना बजट 20 करोड़ रुपए रखा गया है। हर महीने पार्कों के रखरखाव के लिए विभिन्न मदों में करीब 1.5 करोड़ रुपए खर्च भी हो रहे हैं। पत्रिका की टीम ने नगर निगम के विभिन्न जोन में जाकर पार्कों की स्थिति को देखा। विद्याधर नगर, सांगानेर, सिविल लाइन्स, हवामहल पूर्व, हवामहल पश्चिम सहित आमेर जोन के पार्कों का हाल बेहद ही बुरा नजर आया। कई पार्कों में तो घास तक नहीं थी, जबकि इन पार्कों के रख-रखाव के नाम पर 10 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक निगम हर महीने दे रहा है।
पार्क पर हो गया कब्जा
बापू बाजार के तेलीपाड़ा इलाके में पार्क के नाम पर सुखा मैदान बचा है। नगर निगम इस पार्क के लिए प्रति महीने 24 हजार रुपए देता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि साल भर पहले तक पार्क ठीक था, लेकिन अब पार्क में अवैध कब्जा भी हो गया है। बच्चे सडक़ों पर खेलने जाते हैं। उद्यान शाखा के उपायुक्त प्रियवृत्त चारण यदि कोई लापरवाही हो रही है तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जयनिवास उद्यान को हर माह 1.5 लाख रुपए
जयनिवास उद्यान में वर्ष 2017 में कृष्ण सर्किट योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू हुआ। उद्यान पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। अभी कुछ महीने पहले ही काम पूरा हुआ है, लेकिन नगर निगम पार्क ठेकेदार को करीब दो साल तक बिना काम किए ही भुगतान करता रहा। हर महीने नगर निगम ने पार्क के लिए 1.5 लाख रुपए दिए, जबकि निर्माण कार्य की वजह से सौंदर्यीकरण और रख-रखाव का काम पूरी तरह से ठप था।
किसी भी पार्क में नहीं हो रहे ये काम
पौधों की देखरेख और इनकी कटाई-छटाई करना
झूले और ओपन जिम क्षतिग्रस्त होने पर सही करवाना
अगर पार्क मे बोरिंग है तो उसकी देख-रेख करना
कुछ पार्कों में गार्ड की नियुक्ति
नियमित घास में पानी देना।
फैक्ट फाइल
20 करोड़ रुपए सालाना बजट है नगर निगम का पार्कों के लिए
1.5 करोड़ रुपए निगम खर्च करता है हर महीने पार्कों पर
927 पार्कों की देखरेख निगम करवाता है ठेके पर
06 माह से लम्बित हैं पार्क संबंधी शिकायतें
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