उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्र्तगत किसी भी गांव में अनूसूचित जाति की 500 से अधिक संख्या होने पर गांवों में विकास कार्य करवाए जाते है। इन कार्याें में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सुरक्षा, डिजीटलाइजेशन, विद्युत सहित विभिन्न विकास कार्य इन गांवों में करवाये जाते है। उन्होंने कहा कि योजनान्र्तगत करवाये जाने वाले कार्याें का विभाजन किया जाना चाहिए जिससे गांवों में विकास कार्याें की प्राथमिकता का निर्धारण हो सकें। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार द्वारा आवंटित राशि तथा गांव के विकास कार्यों का संबधित विभागों में उच्च स्तर तक जानकारी दी जाए जिससे विकास कार्याें में दोहराव न हो साथ ही सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ योजना को पूर्ण करने में भूमिका निभाएं।
आर्य ने कहा कि इस योजना के लिए अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामीण जनता को पूरी जानकारी हो इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि जो कार्य अन्य योजनाओं में इन गांवो में नही हो रहे है, उन कार्याें के लिए इस योजना से राशि प्राप्त कर गैप फिलिंग की जाए। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि अब इस योजना की बैठक नियमित होनी चाहिए जिससे योजना के बारे में सभी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सकें।