अभिवादन का सलीका
कई बार यह समझ में ही नहीं आता है कि किस शख्स को कौन-सा अभिवादन करना है और जब तक अभिवादन नहीं होगा तो बातचीत शुरू नहीं हो सकती है। अगर हमउम्र शख्स हो तो आप उसे नमस्ते या हैलो कर सकते हैं जबकि उम्रदराज शख्स को प्रणाम करके या फिर पैर छूकर आप उनका अभिवादन कर बातचीत शुरू करें। बड़ों से बात शुरू करते समय पहले उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछें।
नाम याद रखें
कुछ लोगों को चेहरा तो याद रहता है लेकिन नाम भूल जाते हैं। अगर किसी का नाम कुछ अलग सा हो तो कुछ देर का समय लेकर उसे भली प्रकार से याद कर लें। अगर किसी का नाम न पता हो तो उसे अदब के साथ ‘क्षमा करें, आपका शुभ नाम क्या है?’ आदि आदर पूर्वक तरीके से पूछ सकते हैं। अगर आप गलती से नाम भूल भी जाते हैं तो बिना हड़बड़ाहट के कहें कि ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मुझसे ऐसी गलती हो सकती है और वैसे भी यह एक मानवीय भूल है।’
कम बोलें, ज्यादा सुनें
पार्टी या फिर अन्य समारोह में अगर आप वर्तालाप शुरू करते हैं तो सामने वाले से ऐसे प्रश्न पूछें जिससे आप ही सिर्फ बात न करें बल्कि दूसरे को अपनी बात कहने का मौका मिले और आप उसे सुनें। जैसे कि अगर आप किसी से पूछते हैं कि उसने अपने जूते कहां से लिए? या फिर उसकी ड्रेस बहुत अच्छी है? कहां से डिजायन करवाई आदि। ऐसा करने से दूसरे को अपनी बात कहने का ज्यादा मौका मिलेगा। पार्टी के दौरान अगर समझ में नहीं आ रहा है कि किन मुद्दों पर बातें करें तो आस-पास की चीजों पर बात शुरू कर सकते हैं। एक बार मुद्दा छेडऩे के बाद दूसरे को बोलने का मौका दें।
बातचीत करें
कभी बातचीत के दौरान ऐसा न करें जिससे उसमें बाधा आए जैसे कि आपसे अगर कोई कोई प्रश्न करता है कि आप क्या करते हैं? या फिर आप कहां रहते हैं? ऐसे प्रश्नों का संक्षिप्त जवाब न दें। ऐसा करने से बातचीत खत्म हो सकती है या फिर बाधा उत्पन्न हो सकती है।