निदेशालय पहुंचे प्रदेशभर के अभ्यर्थी, प्रदर्शन किया बीकानेर। सरकारी नौकरी (Government Job) के लिए प्रतियोगी परीक्षा (Competitive exam) पास करना ही पर्याप्त नहीं है। इसके बाद भी काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। पहले खेत में पसीना बहाया, मेहनत-मजदूरी कर पढ़ाई की, फिर बीएड कर शिक्षक भर्ती परीक्षा (Teacher recruitment exam) पास की और चयनित भी हो गए, लेकिन उन्हें आज भी खेती-मजूदरी करनी पड़ रही है। यह स्थिति है वर्ष 2013 में वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सैकंड (Senior teacher grade second) में चयनित हुए अभ्यर्थियों (Candidates) की, जिन्हें छह साल बाद भी नौकरी का इंतजार (Job waiting) है।
नियुक्ति के लिए सोमवार को चित्तौडग़ढ़ से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय आए 42 वर्षीय नंदलाल धाकड़ ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्होंने चुनौतियों का सामना किया है। विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई की। वरीयता सूची में सैकंड ग्रेड शिक्षक के रूप में चयनित भी हो गए। उनका बेटा अब कक्षा 11 में पढ़ रहा है, लेकिन उनका संघर्ष अब भी जारी है। वे खेती-मजदूरी कर बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे है। धाकड़ ने बताया कि वे नियुक्ति की उम्मीद में बैठे हैं। नंदलाल ही नहीं, एेसे सैकड़ों चयनित बेरोजगार अभ्यर्थियों ने निदेशालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और नियुक्ति मांगी।
नियुक्ति के लिए सोमवार को चित्तौडग़ढ़ से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय आए 42 वर्षीय नंदलाल धाकड़ ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्होंने चुनौतियों का सामना किया है। विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई की। वरीयता सूची में सैकंड ग्रेड शिक्षक के रूप में चयनित भी हो गए। उनका बेटा अब कक्षा 11 में पढ़ रहा है, लेकिन उनका संघर्ष अब भी जारी है। वे खेती-मजदूरी कर बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे है। धाकड़ ने बताया कि वे नियुक्ति की उम्मीद में बैठे हैं। नंदलाल ही नहीं, एेसे सैकड़ों चयनित बेरोजगार अभ्यर्थियों ने निदेशालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और नियुक्ति मांगी।
दस्तावेज सत्यापन हुए
शिक्षा निदेशक से मिलने पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। फाइल सचिवालय में अटकी है। वर्ष 2013 में शिक्षक भर्ती निकली थी और फरवरी-2014 में परीक्षा हुई और सितंबर में परिणाम आ गया, लेकिन यह विवादित उत्तर कुंजी तृतीय के आधार पर आया। इसके बाद भी सरकार ने दिसंबर-2014 में नियुक्तियां दे दी, तो एक अभ्यर्थी ने न्यायालय में वाद दायर कराया। इसका फैसला 12 जुलाई, 2018 में चयनित शिक्षकों के पक्ष में आया। न्यायालय ने नियुक्ति के आदेश भी दिए।
शिक्षा निदेशक से मिलने पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। फाइल सचिवालय में अटकी है। वर्ष 2013 में शिक्षक भर्ती निकली थी और फरवरी-2014 में परीक्षा हुई और सितंबर में परिणाम आ गया, लेकिन यह विवादित उत्तर कुंजी तृतीय के आधार पर आया। इसके बाद भी सरकार ने दिसंबर-2014 में नियुक्तियां दे दी, तो एक अभ्यर्थी ने न्यायालय में वाद दायर कराया। इसका फैसला 12 जुलाई, 2018 में चयनित शिक्षकों के पक्ष में आया। न्यायालय ने नियुक्ति के आदेश भी दिए।
फिर भी नौ माह लग गए
शिक्षा विभाग ने वर्ष 2019 में मार्च-अप्रेल में दोबारा परिणाम (रिवाइज) घोषित किया है, लेकिन अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति के लिए चक्कर लगा रहे हैं। प्रदेशभर से निदेशालय पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा है।
शिक्षा विभाग ने वर्ष 2019 में मार्च-अप्रेल में दोबारा परिणाम (रिवाइज) घोषित किया है, लेकिन अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति के लिए चक्कर लगा रहे हैं। प्रदेशभर से निदेशालय पहुंचे चयनित अभ्यर्थियों ने निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा है।