राजस्थान पत्रिका ने जयपुर स्टेशन पर गुरुवार को प्लेटफार्म पर और ट्रेन के अंदर यात्रियों से बात की तो सामने आया कि पानी इतना गर्म होता है कि हाथ भी नहीं लगाया जा सकता। प्लेटफार्म नंबर एक पर खैरथल निवासी व्यवसायी भरत ने कहा कि ट्रेन के अंदर तो नल के पानी को हाथ भी नहीं लगा सकते। हाथ-मुंह धोने के लिए भी बोतल का पानी ही लाना पड़ता है। या स्टेशन आने पर ट्रेन से उतरकर पानी लाना पड़ता है।
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यात्रियों ने बताई मजबूरी, दिए सुझाव दोपहर करीब ढाई बजे रानीखेत एक्सप्रेस आने पर कोच में सवार नेपाल निवासी बधिराम और बालाजी निवासी कमल ने नल का पानी दिखाते हुए कहा कि उबलते पानी को किस काम में ले सकते हैं, यह रेलवे ही जाने। पानी भले ही धूप के कारण गर्म होता है लेकिन ट्रेन में यात्रियों के पास दूसरा विकल्प नहीं होता। रेलवे को इसका हल तो निकालना ही चाहिए। हर कोच में एक वाटर कूलर लगाना चाहिए। ट्रेनों की टंकियों को कवर किया जाना चाहिए।