उदयपुर व जयपुर सहित कई एयरपोर्ट ऐसे हैं, जहां रोजाना यात्री प्रदेश में एक से दूसरी जगह जाने के लिए हवाई सेवा को बेहतर मानते हैं लेकिन फ्लाइट्स का संचालन नहीं होने से ट्रेन से यात्रा करनी पड़ती है। इससे समय भी अधिक खराब हो रहा है। परंतु एयरलाइंस कंपनियों के जिम्मेदार यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में न रखकर महज कुछेक रूट पर ही उड़ानों का संचालन कर रहे हैं। जैसलमेर एयरपोर्ट महज चार, बीकानेर एयरपोर्ट से महज चार उड़ानों का संचालन हो रहा है। लॉकडाउन से पहले यहां से 10 से अधिक उड़ानों का संचालन होता था। उक्त एयरपोर्ट से जयपुर आने के लिए कोई उड़ान फिलहाल नहीं है। जयपुर एयरपोर्ट से भी महज 26 से 28 उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
जोधपुर, जैसलमेर और उदयपुर जैसे बड़े एयरपोर्ट की तुलना में किशनगढ़ एयरपोर्ट से अपेक्षाकृत अधिक उड़ान संचालित हो रही हैं। किशनगढ़ एयरपोर्ट पर 10 नवंबर से अहमदाबाद के लिए स्टार एयर की एक नई उड़ान भी शुरू होगी। वहीं किशनगढ़ एयरपोर्ट पर हर महीने 20 हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है परंतु उड़ानों का संचालन कम होने से यह महज 35 फीसदी रह गई है। मार्बल सहित अन्य उद्योग यहां स्थापित होने से बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से व्यापारी यहां पहुंचते थे। उदयपुर एयरपोर्ट से 6 उड़ान, जोधपुर एयरपोर्ट से 4 से 5 उड़ान, जैसलमेर एयरपोर्ट से 4, किशनगढ़ एयरपोर्ट से रोजाना छह उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। इनमें दिल्ली, मुंबई, बैंगलूरु के लिए ही उड़ान फिलहाल उपलब्ध है। वहीं जयपुर से छोटे शहरों की बजाय दिल्ली, मुुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, बैंगलूरु, कोलकाता सहित विदेशों के लिए खाड़ी देशों में दुबई, मस्कट सहित अन्य जगहों के लिए उड़ानों का संचालन किया जा रहा है।