scriptघुटने में असहनीय दर्द देता है पटेला डिस्लोकेशन | Patella Dislocation : Pain, knees, Injury, Patient | Patrika News

घुटने में असहनीय दर्द देता है पटेला डिस्लोकेशन

locationजयपुरPublished: Nov 24, 2019 06:40:59 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Patella Dislocation : जयपुर . हमारे Body का सारा Weight knee के जोड़ों पर होता है। हम आमतौर पर दिन में कई बार ऐसी गतिविधि कर देते हैं जिसका दबाव हमारे घुटनों पर ज्यादा पड़ जाता है। ऐसे में किसी गलत गतिविधि या किसी तरह की चोट से हमारे घुटने के आगे लगी कवचनमा हड्डी खिसक जाती है जिससे Patient को असहनीय दर्द होता है

घुटने में तेज दर्द

घुटने में तेज दर्द

Patella Dislocation : जयपुर . हमारे शरीर ( Body ) का सारा वजन ( Weight ) घुटनों ( knee ) के जोड़ों पर होता है। हम आमतौर पर दिन में कई बार ऐसी गतिविधि कर देते हैं जिसका दबाव हमारे घुटनों पर ज्यादा पड़ जाता है। ऐसे में किसी गलत गतिविधि या किसी तरह की चोट से हमारे घुटने के आगे लगी कवचनमा हड्डी खिसक जाती है जिससे मरीज ( patient ) को असहनीय दर्द होता है। यह पटेला डिस्लोकेशन एक सामान्य चोट है जो आमतौर पर लगती रहती है। लेकिन जब हम इस चोट को लापरवाही में लेते हैं और पहलवान से ठीक कराने की कोशिश करते हैं तो इसके परिणाम और बिगड़ जाते हैं व मरीज के लिए तकलीफ बढ़ जाती है।

ऑर्थोस्कोपी सर्जन और स्पोट्र्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि घुटने पर सीधे लगने वाली चोट, कोई गलत गतिविधि, हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन जैसे खेल के दौरान अचानक से शरीर की स्थिति को बदलने के दौरान घुटनों पर दबाव पडऩे के कारण नी-कैप अपनी जगह से हट जाती है। इसके अलावा जांघों की कमजोर मांसपेशियां, गलत स्ट्रेचिंग करने से भी पैटेला डिस्कोलेशन हो सकता है। एक बार यह चोट लगने के बाद मरीज को बहुत तेज दर्द होता है और वह अपना पैर मोडऩे में भी असमर्थ हो जाता हैए घुटने के आस-पास सूजन आ जाती है, घुटने में अकडऩ आ जाती है। ऐसे में जल्द से जल्द उसका उपचार शुरू कराने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आमतौर पर इसका उपचार उचित फीजियोथैरेपी और दवाओं से किया जाता है। लेकिन चोट ज्यादा होने पर इसकी सर्जरी भी की जा सकती है। डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि ऑर्थोस्कोपी सर्जरी द्वारा मामूली चीरे से मरीज के लिगामेंट की रिपेयरिंग की जाती है। चोट की सही स्थिति जानने के लिए सीटी स्कैन, एक्स.रे या एमआरआई की जांच भी करवाई जा सकती है। डॉक्टर इलाज के दौरान मरीज को अपनी गतिविधि कम से कम करने की सलाह देते हैं जिससे घुटने पर बिल्कुल भी दबाव न पड़े। उपचार के बाद मरीज पहले की तरह अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकता है।
यह है लक्षण ..
घुटने में तेज दर्द व सूजन होना
घुटने को मोडऩे में आवाज आना
जोड़ का अपनी जगह से खिसकने जैसा महसूस होना
ऊंचाई पर चढऩे में परेशानी होना

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