राजस्थानी शान ‘गोल मोडी जूती’ का पेटेंट मिलने पर 'कहीं खुशी कहीं गम'
जयपुरPublished: Feb 23, 2023 12:21:12 pm
राजस्थान के हनुमानगढ़ के नोहर की शान इसी प्रकार की जूती क्षेत्र व प्रवासियों की चाहत में शुमार है। ऐसे में पेटेंट डिजाइन अधिनियम के प्रावधानों की बाध्यता ने उनके समक्ष संकट पैदा कर दिया है।


नोहर/पत्रिका न्यूज नेटवर्क. नवाबी शौक का पयार्य एवं पैरों की शान मानी जाने वाली क्षेत्र की प्रचलित ‘गोल मोडी जूती’ का अब पेटेंट पंजीकरण हो चुका है। नोहर के जूती निर्माता चानणमल डिगवाल ने भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से इसके विशेष डिजाइन के पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है। क्षेत्र में जूती का यह पहला पेटेंट है। पेटेंट होने के बाद क्षेत्र की प्रसिद्ध गोल मोडी जूती का निर्माण अब हर कोई बिना अनुमति कर नहीं बेच पाएगा। क्षेत्र में इस प्रकार की जूती बनाने के दर्जनों कारीगर हैं जो वर्षों से इस प्रकार की जूती का निर्माण कर अपनी रोजी चला रहे हैं। परंतु अब इस विशेष डिजाइन के पेटेंट ने इन सब के समक्ष उहापोह की स्थिति पैदा कर दी है। इससे जुड़े कारीगरों की मानें तो जिस गोल मोडी जूती के डिजाइन का पेटेंट हासिल किया गया है, उस जूती को वे लंबे समय से बना रहे हैं।
प्रसिद्ध गोल मोडी जूती का पेटेंट पंजीकरण होने के बाद एक तरफ इसे बनाने वाले दर्जनों दुकानदारों व कारीगरों के समक्ष बनाने से लेकर बेचने तक की नियमानुसार पाबंदियों से संकट की स्थिति है। वहीं दूसरी ओर इसका पेटेंट पंजीकरण करवाने वाले कारीगर चानणमल डिगवाल की मानें तो वे इसे सभी कारीगरों के लिए अवसर की बता रहे हैं। उनका कहना है कि फिलवक्त एक कारीगर इस प्रकार की जूती बनाकर पांच सौ रुपए तक में खुले बाजार में बेच देते हैं। जबकि पेटेंट पंजीकरण धारक इन कारीगरों से इसे 650 रुपए तक में खरीदने को तैयार है। ऐसे में यह संकट नहीं है बल्कि अवसर साबित होगा।