पत्रिका के सामाजिक सरोकारों के तहत इस बार भी पारम्परिक जलस्रोतों को गहरा करने, उनके संरक्षण और जीर्णोद्धार के कार्य किए जाएंगे। देश के नौ राज्यों के लोग बड़ी संख्या में गांव-शहरों के नदी-तालाबों, बावडिय़ों, कुण्डों पर श्रमदान कर उन्हें मानसून के लिए तैयार करेंगे, ताकि बारिश के दिनों में ये जलस्रोत पानी से भरकर आमजन और पशुओं के काम आ सकें।
अमृतं जलम् – पत्रिका समूह का अभियान
– गांव-शहरों में होगा काम
– मानसून से पहले की तैयारी
– 15 वर्षों से चल रहा अभियान दो लाख से अधिक ने किया श्रमदान पिछले साल यह अभियान 13 मई से 01 जुलाई के बीच आयोजित किया गया। इसके तहत आठ राज्यों में 1,505 स्थानों पर श्रमदान किया गया, जिसमें 2,02,333 से अधिक श्रमदानियों ने भाग लिया। इस दौरान जलस्रोतों के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए 2.31 करोड़ स्वीकृत भी किए गए थे।
भांकरोटा की रामाश्रम की तलाई में श्रमदान राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत रविवार सुबह भांकरोटा के पास श्रीरामपुरा कोकाली स्थित रामाश्रम सत्संग मंदिर संस्था की रामाश्रम तलाई को गहरा करने के लिए श्रमदानियों ने भागीदारी निभाई। राष्ट्रपति पदक से सम्मानित राजेश कुमार मीणा के नेतृत्व में नागरिकों ने अभियान में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और श्रमदान किया। नागरिक सुरक्षा के वरिष्ठ वार्डन धर्मपाल चौधरी ने बताया कि पार्षद मुकेश शर्मा, एडवोकेट करण राठौड़, तालकटोरा विकास समिति के मनीष सोनी सहित अनेक संगठनों के कार्यकर्ता व आसपास के नागरिक श्रमदान में भाग लिया। इस दौरान बूंद बूंद पानी बचाने के लिए न केवल युवाओं ने बल्कि बच्चे, बड़े और मलिाओं ने भी अपनी भादीदारी निभाई।