स्मार्टफोन के कारण हम सब टीवी एंकर बन गए हैं। ये लोकप्रियतावाद युग है। जब सरकारें बहुमत को ही लोकतंत्र का एकमात्र आधार मानती हैं। जनादेश की आड़ में सरकारें विरोध के स्वरों को सुनना भी नहीं चाहती हैं। संस्थाएं डांवाडोल हो रही हैं। कुछ संस्थाएं ही अपने वजूद को बचा पा रही हैं। इनमें मीडिया, न्यायपालिका और विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।
कहा जाता है कि पत्रकारिता को सकारात्मक होना चाहिए। लेकिन आज हालात ये हैं कि आम धारणा के मुताबिक पत्रकारों को लोगों ने खारिज कर दिया है। लोग सोचते हैं कि हम तटस्थ नहीं रह गए हैं। हम दूसरों के लिए तो मानक तैयार करते हैं लेकिन खुद के लिए नहीं करते। ये ठीक है कि लोगों की पत्रकारों के प्रति ये धारणा काफी हद तक सही हो सकती है लेकिन ये पूरी तरह से भी सही नहीं है।
हालात काफी कुछ ऐसे हैं कि महान कवि कालिदास के शब्दों में हम जिस डाल पर बैठे हैं उसी को काट रहे हैं। हम रसूखदारों के साथ अपने संबंधों का बखान करने से नहीं थकते हैं। हम रिपोर्टर से पीआर बन गए हम एडिटर से एमएलए और एमपी बन गए। हममें से कुछ वामपंथ और दक्षिणपंथ के लिए बहुत अच्छी स्टोनोग्राफी कर लेते हैं। लेकिन मैं निराशावादी नहीं हूं। मुझे भविष्य से आशा है। मुझे लगता है कि आज अच्छी पत्रकारिता की सबसे ज्यादा जरूरत है।
राज कमल ने कहा कि मीडिया पर दबाव रहता है पक्ष लेने का। किसी भी एक पक्ष के साथ दिखने का। यह चलन इन दिनों कुछ ज्यादा ही हो गया है जबकि पक्ष और विपक्ष के बीच हमने मध्य स्थान को नजरअंदाज का दिया है। ब्लेक और वाइट के बीच एक ग्रे एरिया भी होता है। इसकी ओर ध्यान ही नहीं दिया है।
राज कमल ने पत्रिका की मिसाल देते हुए कहा कि पत्रिका ने पत्रकारिता के मूल्यों के साथ कोई समझौता नहीं किया है। हिंदी पत्रकारिता में यह साहस की बात है। उन्होंने कहा कि हिंदी के साथ अंग्रेजी मीडिया के न्यूज रूम में भी पत्रिका की खबरों को भरोसे का प्रतीक माना जाता है।
पत्रकारिता को बचाने का जिम्मा पत्रकार का है
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डिप्टी एडीटर गोविंद चतुर्वेदी ने कहा कि आज सबकुछ दिया जा सकता है, लेकिन वक्त देना सबसे कठिन काम है। सभी लोगों की उपस्थिति से सालों से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। चतुर्वेदी ने इंडियन एक्सप्रेस के चीफ एडिटर राज कमल झा के व्याख्यान का उल्लेख करते हुए कहा कि आधे घंटे के छोटे से समय में जो कुछ कहा वह देश की मीडिया का सचित्र वर्णन है।