
वहीं, पत्रकारिता के छात्र विजय पाल कुड़ी ने इस टॉक शो के लिए पत्रिका को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 2019 में सेना की आखिरी भर्ती हुई थी। ऐसे में तीन साल तक किसी सरकार ने युवाओं की नहीं सुनी। कुछ दिन पहले भर्ती हुई और जब उन्हें नियुक्ति देने का समय आया तो यह योजना लाकर उन युवाओं के सपनों को सरकार ने चकनाचूर कर दिया। उन्होंने कहा कि आज युवा सड़कों पर अपनी मांगों के लिए उतरे हुए हैं। साथ ही राजनीतिक पार्टियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि चुनाव जितने के बाद उन्हें निरस्त कर दिया जाए तो राजनेता इस देश में आज हो रहे विवाद से भी बड़ा विवाद खड़ा कर देंगे। साथ ही कहा कि नौकरियों में आरक्षण के झूठे सपने दिखाएं जा रहे हैं। कुड़ी ने कहा कि सरकार को यह करना चाहिए कि हर साल होने वाली नियमित भर्तियां पूर्ववत की जाएं।

युवा सुनील ने टॉक शो में अपनी बात रखते हुए कहा कि 17 से 22 वर्ष एक युवा की वो उम्र होती हैं, जिसमें उसे पढ़ाई करनी होती है। ऐसे में केवल चार साल की नौकरी देकर उसे भविष्य के लिए बेरोजगार बनाना गलत हैं। ऐसे में योजना का समय बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि एक्स सर्विसमैन को जो सुविधाएं मिलती हैं वे सभी अग्निवीरों को भी मिलनी चाहिए। सरकार को पिछली भर्तियों के चयनितों को नियुक्ति देनी चाहिए। उन्हें बेरोजगार बनाना तो पूरी तरह गलत है।

वहीं, डॉक्टर हीरालाल ने कहा कि अग्निपथ का मुद्दा बहुत गर्म है। युवाओं को हिंसा नहीं करनी चाहिए। लेकिन, सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर इस योजना को लाने का वास्तविक मकसद क्या है। सरकार को चाहिए कि वह युवाओं को समझाए। दो दिन में योजना में दो बदलाव करने का मतलब है कि सरकार इस योजना को जल्दबाजी में लेकर आई है।

युवा विजय पाल ने कहा कि जो अग्निवीर 25 फीसदी में चयनित होकर भारतीय सेना में शामिल नहीं होंगे तो लोग लौटने पर उनका मखौल उड़ाएंगे। अग्निवीरों को गांवों में लोग ताना देंगे कि वे सेना में रहने लायक ही नहीं हैं।
छात्र राहुल महला बोले कि सरकार इस भर्ती में युवाओं के भविष्य को सुरक्षित नहीं कर रही है। 4 साल बाद जब ये अग्निवीर लौटेंगे तो हर साल बेरोजगारों का एक महाकुंभ तैयार होगा। उन्होंने राजस्थान की सीएचए भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि फिर ये अग्निवीर भी सड़कों पर उतरेंगे और प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।

समाजसेवी बुद्धिराम मान ने कहा कि चार साल बाद जब युवा लौटेगा तो वापस पढ़ाई में लगना मुश्किल होता है। योजना अच्छी है, लेकिन अभी मंथन की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं हैं।
युवा भारत भूषण यादव ने कहा कि युवाओं को देश में हिंसा का माहौल नहीं बनाना चाहिए। सरकार को लोगों की बात सुननी चाहिए कि आखिर वे क्या चाहते हैं। साथ ही कहा कि योजना में कमी हो तो उसे सही करना चाहिए।

इधर, युवा अनिकेत शर्मा ने कहा कि चार साल में युवाओं को सेना में रहकर सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। युवा अनुशासित बनेंगे। साथ ही कहा कि जिन्हें योजना में कमी निकालनी हैं वे कमी निकाल सकते हैं। ऐसे लोग हर अच्छी योजना में भी कमी निकालते ही हैं।
युवा नरेंद्र यादव ने कहा कि इस योजना से देश के अंतिम छोर पर बैठे युवा को भी सेना में जाने का अवसर मिल सकेगा। युवा देशसेवा कर सकेगा। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें।

जबकि रिटायर्ड कैप्टन रामसिंह ने बताया कहा कि योजना में सबसे अच्छा यह है कि युवा अनुशासन सीखेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि जब अग्निवीर लौटे तो उसके साथ ही उसे दूसरी नौकरी दी जानी चाहिए। ताकि वह बेरोजगार ना रहे। उन्होंने बताया कि करीब 30 देशों में यह योजना पहले से चल रही है। रिटायर्ड कैप्टन बोले कि इस योजना में जो युवा जाएं तो उनका भविष्य बेहतर हो, इस संबंध में सरकार को प्रावधान करने चाहिए।
