Paush Purnima 2021 यश मिलने के साथ ही सूर्य को अर्घ्य देने का यह बड़ा लाभ
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जयपुर. पौष महीना समापन की ओर है। पौष माह का अंतिम दिन यानि पौष पूर्णिमा 28 तारीख को है। पौष पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान या पवित्र नदियों में स्नान की परंपरा है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पूर्णिमा के दिन लक्ष्मीनारायण और शिवजी के साथ ही सूर्य,चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। पौष पूर्णिमा पर दान का भी महत्व बताया गया है।
पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा करने या सुनने से जीवन की दुश्वारियां कम होती हैं और सुख की वृद्धि होती है। पौष महीने की पूर्णिमा का इतना महत्व है कि इसे पौष पर्व कहा गया है। इस बार पूर्णिमा गुरुवार को है। 28 जनवरी को सूर्योदय से पहले ही पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। पूर्णिमा पर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार स्नान-दान और व्रत के साथ ही शास्त्रों में पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पौष माह सूर्य देव की उपासना का ही माह है। इसके अंतिम दिन यानि पौष पूर्णिमा को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य जरूर देना चाहिए. इससे आरोग्य प्राप्त होता है, राजकीय अनुग्रह और यश—सम्मान भी प्राप्त होता है।
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