ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पौष शुक्ल एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी कहलाती है। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। विष्णुजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी यह उत्तम उपाय है। नियमों का पालन करने से इस व्रत का त्वरित फल मिलता है। एकादशी व्रत में सात्विक आचार—आहार—विहार पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। पूर्ण रूप से स्वस्थ लोगों को निर्जला व्रत रखना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार व्रत से एक दिन पहले यानि दशमी को सात्विक भोजन करें। एकादशी पर सुबह स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें और विष्णुजी का ध्यान करते हुए व्रत व पूजा का संकल्प लें। इसके बाद विधिविधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। द्वाद्वशी पर सुबह किसी जरुरतमंद को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
इस बार 24 जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। संतान प्राप्ति या संतान सुख के लिए इस दिन दंपत्तियों को भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप की पूजा करनी चाहिए। एकादशी पर लड्डू गोपाल की पूजा करें, पीले फल, पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें। तुलसी दल जरूर अर्पित करें। पति पत्नी संयुक्त रूप से संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। विश्वासपूर्वक की गई उपासना जरूर फलीभूत होती है ।