डोटासरा ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि सत्ता और संगठन में कोई गुटबाजी नहीं है, कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है और इसी के तहत सबको अपने-अपनी बात कहने का हक है, यह केवल कांग्रेस पार्टी में ही संभव है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल से विवाद पर उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल बेहद वरिष्ठ मंत्री हैं, उनसे विवाद जैसी ऐसी कोई बात नहीं है। डोटासरा ने कहा कि सत्ता और संगठन ने मिलकर भाजपा को बेनकाब किया है इसलिए भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है और भाजपा वाले कांग्रेस में गुटबाजी की बात को हवा दे रहे हैं।
सीनियर नेता करते हैं प्रोटोकॉल का पालन
वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल के जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता प्रोटोकॉल का पालन करते हैं धारीवाल जी को लगा कि जब प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री आज राज्यपाल को ज्ञापन देंगे तो प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे तो आज प्रेस कॉन्फ्रेंस एक ही हो सकती थी। ऐसे में उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्पेस दिया है कि हमारे प्रदेश के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अपनी बात रखें।
मन की बात तो करते हैं काम की बात कब करेंगे
पीसीसी चीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात तो देश की जनता से करते है लेकिन काम की बात कब करेंगे पता नहीं। उन्होंने कहा कि जब देश में कोरोना की पहली लहर आई तो मोदी सरकार देश में चुनी हुई सरकारों को गिराने में लगी हुई थी। इसके बाद दूसरी लहर की तैयारी के लिए काफी समय मिला लेकिन कोविड प्रबंधन की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।
सरकार ने बजट में 3500 करोड़ का प्रावधान वैक्सीन के लिए किया लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आते ही सरकार ने अपने बयान बदल दिए। केन्द्र ने अचानक कह दिया कि वैक्सीन राज्य अपने स्तर पर खरीदें। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है।
डोटासरा ने कहा कि जब राज्य सरकारें अपने पैसे देने को तैयार है तो फिर केन्द्र को वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकारों को केन्द्र सरकार बेवजह वैक्सीन वेस्टेज के मामले में बदनाम करने की साजिश रच रही है।डोटासरा ने कहा कि युवाओं के वोट के दम पर मोदी दूसरी बार सत्ता में आए लेकिन अब युवाओं को अपने हाल पर छोड़ दिया। इस तरह की सियासत अब नहीं चलने वाली है।
राजस्थान के 25 सांसद चुप
पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की जनता ने मोदी सरकार को 25 सांसद दिए इसके बाद भी सांसद चुप है। इसलिए अब राजस्थान के सांसदों को भी वैक्सीन मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखना चाहिए।डोटासरा ने कहा कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान राज्य सरकार कोविड प्रबंधन के मामले में सबसे आगे रही है। इसी वजह से मृत्युदर अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है।
फ्री वैक्सीनेशन के लिए दिए ज्ञापन
इससे पहले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने जिला कलक्टरों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। प्रदेश की राजधानी जयपुर में पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने देशभर में हर आयु वर्ग के लोगों को निशुल्क वैक्सीन मुहैया कराने के मामले में राज्यपाल को ज्ञापन दिया।
विधायकों के फ्लैट प्रोजेक्ट को राजे सरकार ने दी थी मंजूरी
कोरोना काल में विधायकों को बनाए जा रहे नए फ्लैट प्रोजेक्ट को लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा ने शुक्रवार को साफ किया कि विधायकों के लिए बन रहे नए फ्लैट के प्रोजेक्ट को गहलोत सरकार ने नहीं बल्कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने मंजूरी दी थी, इस प्रोजेक्ट पर तो केवल गहलोत सरकार ने काम शुरू किया है।
डोटासरा ने कहा कि वैसे भी विधानसभा के नियमों में ऐसा है कि मौजूदा विधायकों के रहने के लिए उन्हें जयपुर में आवास उपलब्ध कराया जाए, जब तक की वो विधायक रहे। उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए बन रहे फ्लैट्स को दिल्ली के सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट से जोड़कर नही देख सकते ।
हमने इस कारण कोरोना रोकथाम के प्रयासों को प्रभावित नहीं होने दिया। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में बन रहे सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट को मोदी सरकार ने मंजूरी दे रखी है, जिसका कांग्रेस मुखर होकर विरोध कर रही है।