डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस पंचायत, जिला परिषद और निकाय चुनावों में बेहतर परफॉर्मेंस पहले ही कर चुकी है और अब उपचुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मजबूत हुए हैं। हालांकि राजसमंद सीट पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है लेकिन कांग्रेस की रणनीति के चलते यहां भी कांटे की टक्कर रही थी। भाजपा कम अंतर से ही यहां चुनाव जीत पाई है।
कैबिनेट में होगी गोविंद सिंह डोटासरा की एंट्री
सूत्रों की माने तो उपचुनाव के बाद कद्दावर नेता के रूप में उभरकर सामने आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। डोटासरा अभी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर हैं। कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन में डोटासरा का पूरा दखल रहने वाला है।
सुजानगढ़ में ली थी जीत की जिम्मेदारी
वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सुजानगढ़ उपचुनाव में जीत की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी। डोटासरा लगातार वहां डेरा डालकर चुनावी प्रबंधन संभाला था और सजातीय वोटों को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, जिसमें सफल हो पाएय़ डोटासरा की रणनीति के चलते ही सुजानगढ़ में कांग्रेस बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रही।
कभी पायलट तो अब गहलोत के विश्वस्त
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह पूर्व डोटासरा को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के करीबी माने जाता था। लेकिन बीते साल सरकार पर आए संकट के दौरान डोटासरा ने पायलट का साथ छोड़ गहलोत कैंप का साथ दिया था, जिस पर सियासी संकट के दौरान ही कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को अध्यक्ष पद से हटाकर डोटासरा को नया पीसीसी चीफ बनाया था, जिसके बाद से ही डोटासरा मुख्यमंत्री गहलोत के बेहद करीबी नेताओं में शुमार हैं।