मंगलवार को संसारचंद्र रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन में डोटासरा ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी में एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी करने वालों को रात को सोचना चाहिए कि वे अपने नैतिक दायित्व का कितना निर्वहन कर रहे हैं। समय किसी का गुुलाम नहीं है। समय सबका फैसला करेगा। सभी जिम्मेदार लोग हैं विचार करें कि इससे पार्टी का नुकसान हो रहा है।
राजस्थान में मंत्रियों और विधायकों के समय-समय पर अधिकारों को लेकर सरकार पर उठाए जा रहे सवालों पर डोटासरा ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंंने कहा कि राजस्थान में कांगे्रस की सरकार कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण बनी है। देश में सबसे श्रेष्ठ सरकार का उदाहरण भी राजस्थान पेश कर रहा है। गुड गवर्नेंस के बावजूद आपसी छींटाकशी पार्टी का नुकसान पहुंचाती है। अगर किसी को शिकायत है तो उचित मंच पर चर्चा की जानी चाहिए। मीडिया में ऐसी बात करना ठीक नहीं है। अगर मंत्रियों से शिकायत है तो मंत्रीमंडल में और मुख्यमंत्री से बात की जाए। पार्टी में किसी से शिकायत है तो पीसीसी में बात की जाए। विधायकों का मंत्रियों से कोई विवाद है तो भी पार्टी और सरकार में उचित जगह पर चर्चा की जाए।
पीसीसी में जब डोटसरा यह बात कह रहे थे। तभी वहां मौजूद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी के सलाहकार पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने भी ऐसी बयानबाजी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नेता नहीं है। अगर कोई नेता खुद को पार्टी से बड़ा समझता है तो वह पार्टी छोड़ दे। पार्टी भी उसे गिरा देगी।