गौरतलब है कि शुरुआत के दिनों में हुई जनसुनवाई में भीड़ उमड़ती थी। लोगों की संख्या 100 के पार हो जाती थी। पहले दिन जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने जनसुनवाई की थी। अब तक कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ( Lal Chand Kataria ), परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ( Pratap Singh Khachariyawas ), महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ( Mamta Bhupesh ), भजनलाल जाटव ( Bhajanlal Jatav ), अर्जुन बामणिया ( Arjun Bamaniya ) आदि जन सुनवाई कर चुके हैं।
रावण के पुतलों का मांगा मुआवजा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) की जनसुनवाई में लोग रावण ( Ravan ) के पुतलों का मुआवजा लेने पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने फरियादियों की बातों को गंभीरता से सुना और मदद का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि दशहरा ( Dussehra ) से एक दिन पहले हुई तेज बारिश की वजह से रावण के पुतले भीगकर खराब हो गए थे।
इसके अलावा तबादलों से असंतुष्ट लोग भी सीएम हाउस ( CM House ) पहुंचे और मंत्रियों की ओर से किए गए तबादलों पर नाराजगी जाहिर की। जनसुनवाई में टोंक जिले की 15 वर्षीय बालिका अपने चाचा के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची। उसने बताया कि उसकी मां की मृत्यु हो चुकी है और पिता उसका बाल विवाह कराना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने बाल विवाह रुकवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साढ़े तीन घंटे तक चली जनसुनवाई में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों, महिलाओं, बुजुर्गों एवं युवाओं ने गहलोत को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।