इसके अलावा 36 लाख 51 हजार बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों, 25 लाख निर्माण श्रमिकों एवं रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेन्डर्स जो कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में कवर नहीं हो रहे हैं, उन्हें एक बारीय अनुग्रह राशि के तौर पर एक हजार रूपये दिए जाएंगे ताकि उनके हाथ में नकदी पहुंचेगी और वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कहा कि इस फैसले का लाभ प्रदेश के 1 करोड़ 41 लाख परिवारों को मिलेगा। दो माह की पेंशन एक साथ मिलने से सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों के हाथ में एकमुश्त 1500 रूपए और इससे अधिक की राशि पहुंचेगी। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होगी।
राज्य सरकार पहले ही एनएफएसए के तहत कवर होने वाले परिवारो को मिलने वाला एक रूपये व दो रूपये प्रति किलो गेंहू मई माह तक निःशुल्क देने की घोषणा कर चुकी है। इन सभी के लिए करीब 2 हजार करोड़ का पैकेज बनाया गया है।
धन की कमी नहीं आने दी जाएगी, कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में धन और संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए यह सुनिश्चित किया जाएगा।
जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे खाना और राशन के पैकेट
गहलोत ने कहा कि स्वंयसेवी संस्थाओं, दानदाताओं एवं अन्य भामाशाहों के सहयोग से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया जाएगा। जहां दानदाता या स्वयंसेवी संस्था उपलब्ध नहीं हो वहां जिला कलक्टर भी अनटाइड फंड की मदद से खाने का इंतजाम करेंगे।
इसके अलावा राज्य सरकार ऎसे हर जरूरतमंद तक राशन के पैकेट भी पहुंचाएगी जो एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हैं। इसमें आटा, दाल, चावल, तेल आदि जरूरत की वस्तुएं शामिल होंगी। ये पैकेट शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक सरकारी भवन, पुलिस थानों, तहसील, पंचायत भवन एवं पटवार भवन पर उपलब्ध करवाए जाएंगे।