उन्होनें कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं व शिक्षा सभी नागरिकों को मिले, विशेषकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अच्छी सुविधाएं मिले। राष्ट्रपति शनिवार को जोधपुर एम्स के सभागार में आयोजित द्वितीय दीक्षान्त समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि जोधपुर एम्स राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में चिकित्सा सेवाएं देने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एम्स जोधपुर आयुष सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। यहां आधुनिक व पारम्परिक चिकित्सा दोनों ही एक जगह मिलेगी।
उन्होंने कहा कि एम्स संस्थान ने केवल सात वर्ष की कम अवधि में चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यकीन है कि इसे जारी रखते हुए अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि दिल्ली के बाद जोधपुर एम्स का नाम आता है। यहां पर संपूर्ण तकनीकी के साथ सुविधाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि पहले लोग इलाज के लिए मुम्बई व अहमदाबाद जाते थे अब एम्स में ही सभी सुविधाएं और अच्छे चिकित्सक होने से इसका मरीजों का फायदा मिलना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को चरक और सुश्रुत की भूमि के रूप में जाना जाता है। दुनिया में शोध करने वाले भारत की पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली को ध्यान में रख रहे है। सरकार भी आयुर्वेदिक, योग पर ध्यान केन्दि्रत कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि वीरों की भूमि राजस्थान में आकर प्रसन्न हूं।
उन्होंने कहा कि दीक्षान्त समारोह छात्रों के जीवन के एक चरण के पूर्ण व दूसरे की शुरूआत है। सभी को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं। अपने साथ साथ माता पिता के लिए भी गर्व का क्षण है। राष्ट्रपति ने कहा कि सबसे गरीब व्यक्ति की देखभाल के लिए एम्स जैसे संस्थानों को विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में डॉक्टर व नर्स को सम्मान मिलता है। आप अपने ज्ञान व कौशल से जीवन बचा सकते है। चिकित्सक को अवतार के रूप में जाना जाता है। आप असाधारण कार्य करते है। समारोह में मंच पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने राष्ट्रपति के जोधपुर आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि पश्चिमी राजस्थान का जोधपुर सिंह द्वार है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में कर्म को धर्म माना जाता है। कर्म ही सेवा है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक की भावना मानव मात्र की सेवा रहती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के पेशे की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने कहा कि तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में देश में 6 एम्स के साथ ही जोधपुर में एम्स खोलने की घोषणा हुई। उस समय विदेश मंत्री जसवंतसिंह जसोल व स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज थी।