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कैशलेस प्रक्रिया लोगों के लिए बनी मुसीबत, पलक झपकते ही खाली हो जाते हैं खाते

locationजयपुरPublished: Jun 07, 2019 03:00:10 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

कैशलेस प्रक्रिया से उठा लोगों का भरोसा, रोज हो रही साइबर ठगी

jaipur

कैशलेस प्रक्रिया लोगों के लिए बनी मुसीबत, पलक झपकते ही खाली हो जाते हैं खाते

जयपुर. सुविधा के लिए बनी कैशलेस लेनदेन प्रक्रिया अब लोगों के लिए मुसिबत बन गई है। एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के अलावा, नेट बैंकिंग और विभिन्न ऐप के माध्यम से रुपयों के लेनदेन की प्रक्रिया का खूब प्रचार प्रसार किया गया। लेकिन अब लोग इस प्रक्रिया से दूरी बनाने लगे हैं।
एक मैसेज या एक लिंक पर क्लिक करते ही मिनटों में लोगों के खातों से रुपए निकल जाते हैं। और इसकी उन्हें भनक तक नहीं लगती। जब उनके मोबाइल पर रुपए निकलने का मैसेज आता है, तब उन्हें ठगी का एहसास होता है। यही वजह है कि अब लोगों ने कैशलेस प्रक्रिया को छोड़ वापस बैंक में ही जाकर लेनदेन प्रक्रिया शुरु कर दी है। कई लोगों ने तो एटीएम कार्ड तक रखना छोड़ दिया है।
अब भरोसा नहीं है, पता नहीं कब चपत लग जाए

– नाम : भुवनेश सोनी
– सबक दे गया यह दिन : 18 अक्टूबर 2018

यों हुई ठगी :

वैशालीनगर निवासी महिला भुवनेश का नर्सरी सर्किल स्थित बैंक में खाता है। उससे पिछले साल 18 अक्टूबर की रात और 19 अक्टूबर को सुबह दिल्ली के किसी एटीएम से 1.60 लाख रुपए निकाल लिए गए। जबकि भुवनेश के पास न तो किसी का फोन आया, न ही उन्होंने किसी को एटीएम कार्ड संबंधी जानकारी दी थी। खाते से रुपए कैसे निकल गए, भुवनेश को पता नहीं।
अब : भुवनेश के पति मनोहरलाल ने बताया, पत्नी को एटीएम वापस शुरू करने के लिए कहता हूं लेकिन उसने साफ मना कर दिया है। कहती है, रुपए चाहिए होंगे तो बैंक जाकर निकाल लाऊंगी। अब भरोसा नहीं है, पता नहीं कब चपत लग जाए। लोन के लिए कई फोन आते हैं लेकिन डांट देती हूं।

कार्ड रखना छोड़ा, ऑनलाइन भुगतान भी कम

– नाम : महेन्द्र रावत
– सबक दे गया यह दिन : 21 मार्च 2019

यों हुई ठगी :

सेक्टर 9 निवासी महेन्द्र रावत की किराने की दुकान है। होली के दिन किसी ने फोन कर कहा कि मैं डॉक्टर बोल रहा हूं। पत्नी सामान लेने आ रही है। ऑनलाइन रुपए भेज रहा हूं, नंबर और पासवर्ड दे दो। महेन्द्र ने जानकारी दे दी और खाते से 19 हजार रुपए निकल गए।
अब : अब एटीएम तो रखना ही छोड़ दिया है। ऑनलाइन भुगतान सुविधा का भी बहुत जरूरत हो तब ही इस्तेमाल करता हूं। जरूरत के अनुसार बैंक जाकर ही रुपए निकालता हंू और खर्च के लिए पैसे घर पर ही रखता हूं।
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