जोधपुर। कमाई के लिए दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों को राशन के गेहूं (Ration Wheat) के लिए भटकाना नहीं पड़ेगा। उनको उस राज्य में ही कार्ड दिखाने पर राशन मिल जाएगा। यह संभव होगा एक देश-एक राशन कार्ड (One country one ration card) योजना से। यह योजना देशभर में अगले साल तक लागू हो जाएगी। अभी केन्द्र सरकार (Central government) की इस योजना के दूसरे चरण में चार और राज्य केरल, कर्नाटक, राजस्थान व हरियाणा शामिल किए गए हैं। इसमें राजस्थान व हरियाणा (Rajasthan and Haryana) का कलस्टर बनाया गया है, जिसके तहत अब राजस्थान के लोग हरियाणा में राशन की दुकानों (Ration shops) से और हरियाणा की जनता राजस्थान की दुकानों से पोर्टेबिलिटी के अंतर्गत बगैर राशन कार्ड बदले गेहूं ले सकेगी। इन चारों राज्यों में इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी (Inter state portability) एक अक्टूबर से लागू होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना और महाराष्ट्र-गुजरात का क्लस्टर बनाया था। दूसरे चरण में राजस्थान को शामिल किया गया है। राजस्थान में राशन व्यवस्था ऑनलाइन है। यहां पॉइंट ऑफ सैल (पोस) मशीनों से राशन वितरण होता है। एक जनवरी 2020 से केंद्र सरकार तीन और राज्य पंजाब, झारखण्ड और त्रिपुरा को शामिल करके 11 राज्यों का ग्रिड बनाएगी यानी 11 राज्यों के लोग एक दूसरे के राज्य से राशन ले सकेंगे। मार्च 2020 में 13 और राज्य शामिल होंगे। जून 2020 में पूरे देश में पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना और महाराष्ट्र-गुजरात का क्लस्टर बनाया था। दूसरे चरण में राजस्थान को शामिल किया गया है। राजस्थान में राशन व्यवस्था ऑनलाइन है। यहां पॉइंट ऑफ सैल (पोस) मशीनों से राशन वितरण होता है। एक जनवरी 2020 से केंद्र सरकार तीन और राज्य पंजाब, झारखण्ड और त्रिपुरा को शामिल करके 11 राज्यों का ग्रिड बनाएगी यानी 11 राज्यों के लोग एक दूसरे के राज्य से राशन ले सकेंगे। मार्च 2020 में 13 और राज्य शामिल होंगे। जून 2020 में पूरे देश में पोर्टेबिलिटी लागू की जाएगी।
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना- 232039973 किलो गेहूं प्रति महीने वितरित – 24 हजार राशन की दुकानें हैं प्रदेश में – 20815130 राशन कार्ड है प्रदेश में इन पड़ौसी राज्यों के लोग एक दूसरे से ले सकते हैं राशन का गेहूं
आंधप्रदेश- तेलंगाना महाराष्ट्र- गुजरात
केरल -कर्नाटक राजस्थान-हरियाणा (इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू करने के लिए फिलहाल आठ राज्यों के चार क्लस्टर बनाए गए हैं। )
केरल -कर्नाटक राजस्थान-हरियाणा (इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू करने के लिए फिलहाल आठ राज्यों के चार क्लस्टर बनाए गए हैं। )