आवेदन में कम रुचि नहीं दिखा रहे लोग
आबकारी विभाग को ढाई सौ करोड़ की कम हुई आय
उम्मीद से आधा ही राजस्व मिला

जयपुर।
शराब दुकानों के लाइसेंस लेने में इस बार लोग कम रुचि दिखा रहे हैं। इसके चलते आबकारी विभाग ने आवेदन के लिए पांच दिन (पांच मार्च तक) का समय और बढ़ाया है। इस बार विभाग को पिछले साल के मुकाबले आवेदनों से करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की कम आय हुई है। अब तक कुल 2.71 लाख आवेदनों ने 775 करोड़ रुपए की आय हुई है। वहीं पिछले साल 3.60 लाख आवेदनों से 1036 करोड़ रुपए की आय हुई थी।
नई आबकारी नीति के तहत राज्य सरकार ने शराब दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे है। जानकारी के अनुसार इस बार विभाग ने लाइसेंस आवेदन के जरिए 1500 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा था, लेकिन विभाग इसके आधे तक ही पहुंच सका है। अब तक फार्म बिक्री के जरिए विभाग को पिछले साल की तुलना में ही 250 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अब विभाग उम्मीद कर रहा है कि अंतिम तारीख बढ़ाने के बाद आवेदन बिक्री का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
पिछले साल एक हजार करोड़ से ज्यादा आय
पिछले साल राज्य की 7665 दुकानों में से 7616 दुकानों का आवंटन लाटरी के जरिए किया गया था। जिसके लिए करीबन 4.41 लाख लोगों ने आवेदन किया, लेकिन नियमानुसार फीस करीबन 3.60 लाख ने ही जमा कराई थी। जिसके जरिए करीबन 1036 करोड़ रुपए की आय राज्य सरकार को हुई थी।
कुल राजस्व पिछले साल से ज्यादा होने का दावा
आबकारी विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पिछले साल विभाग ने देशी से 2400 करोड़ और कंपोजिट दुकानों के जरिए 580 करोड़ रुपए की आय का अनुमान लगाया था। वहीं इस बार का 3400 करोड़ रुपए देशी मदिरा और करीबन 600 करोड़ रुपए कंपोजिट दुकानों के जरिए आय का लक्ष्य है। उनका कहना है कि विभाग इस लक्ष्य के करीब तक आसानी से पहुंच जाएगा। लॉटरी निकालने योग्य आवेदन विभाग को मिल चुके हैं।
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