कार्मिक विभाग ने सभी विभागों को लिखे पत्र में आदेश दिया है कि विभागों की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियों में कुछ कमियां रह जाती है, इसलिए यह भर्तियां कोर्ट में उलझ जाती है और बेरोजगार अभ्यर्थियों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ता है।
कार्मिक विभाग प्रमुख सचिव रोली सिंह का कहना है कि सरकार रिक्त पदों को समय बद्ध रूप से भरने के लिए कृत संकल्पित है। राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है कि सभी सरकारी और अर्द्ध सरकारी नौकरियों से संबंधित प्रकरण जो कोर्ट में लंबित हैं उनके शीघ्र सकारात्मक निस्तारण के लिए कार्रवाई की जाए।
सिंह ने अपने पत्र में कहा कि सभी विभाग ध्यान रखें कि भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करने से पहले संबंधित सेवा नियमों में विहित प्रावधानों के अनुरूप आरक्षण वर्गीकरण, योग्यता का निर्धारण, पाठ्यक्रम और परीक्षा योजना इत्यादि बिन्दुओं की नियमानुसार पालना सुनिश्चित करें, जिससे अनावश्यक वाद-विवाद की स्थिति नहीं बने।
इसके साथ ही जो भर्तियां कोर्ट में लंबित हैं, उनके शीघ्र निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 1.25 लाख से ज्यादा पदों की भर्ती कानूनी अड़चनों के कारण कोर्ट में फंसी हुई है. पिछले 5 साल में करीब सभी भर्तियां किसी न किसी कारण से कोर्ट में अटकी हुई है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार अब भर्तियों में पूरी सावधानी बरतने की बात कर रही है।