राजस्थान सरकार द्वारा 18 अक्टूबर 2019 को एक अधिसूचना जारी कर जयपुर नगर निगम को जयपुर हेरिटेज तथा ग्रेटर जयपुर नाम की दो नगर निगम में बांट दिया गया था l याचिका में कहा गया है कि 25 नवंबर 2019 को राजस्थान सरकार द्वारा नगर निगम जयपुर, जोधपुर व कोटा में एक ही व्यक्ति को दोनों नगर निगम के लिए प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया है l जयपुर में जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के लिए आयुक्त नगर निगम को ही चार्ज दे दिया गया जिससे नगर निगम उचित रूप से काम नहीं कर पा रही है और कोरोनावायरस की महामारी के चलते आम जनता परेशान हो रही है नगर निगम में सामान्य कार्यों में बाधा आ रही है l
याचिका में यह भी कहा गया है कि जयपुर नगर निगम हैरिटेज हिस्से के वर्तमान में भवन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुरानी पुलिस मुख्यालय को जयपुर नगर निगम हेरिटेज का कार्यालय बनाया जाने का प्रस्ताव दिया गया है लेकिन उसके लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है ऐसे में lockdown खुलने के बाद आम जनता को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा क्योंकि दोनों ही नगर निगम वर्तमान निगम के कार्यालय से चलेंगी ऐसे में दोनों नगर निगम का एक साथ काम करने से जनता को भारी नुकसान होगा याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में बरसात से जगह-जगह पर नालियां और खड्डे भर गए हैं ऐसे में नगर निगम द्वारा मलेरिया और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए कोई प्रयास नहीं कर केवल और केवल महामारी की ओर ध्यान दिया जा रहा है केवल एक व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर देने से विकास के सभी कार्य रुक गए हैं l
याचिका में यह भी कहा गया है कि जयपुर नगर निगम हैरिटेज हिस्से के वर्तमान में भवन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुरानी पुलिस मुख्यालय को जयपुर नगर निगम हेरिटेज का कार्यालय बनाया जाने का प्रस्ताव दिया गया है लेकिन उसके लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है ऐसे में lockdown खुलने के बाद आम जनता को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा क्योंकि दोनों ही नगर निगम वर्तमान निगम के कार्यालय से चलेंगी ऐसे में दोनों नगर निगम का एक साथ काम करने से जनता को भारी नुकसान होगा याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में बरसात से जगह-जगह पर नालियां और खड्डे भर गए हैं ऐसे में नगर निगम द्वारा मलेरिया और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए कोई प्रयास नहीं कर केवल और केवल महामारी की ओर ध्यान दिया जा रहा है केवल एक व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर देने से विकास के सभी कार्य रुक गए हैं l