उन्होंने यह भी दोहराया कि उपभोक्ताओं के फायदे के लिए उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों को भी जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव दिया है। प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत योजना के उद्घाटन तथा कुछ अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आज गुजरात पहुंचे प्रधान ने पत्रकारों से कहा कि जीएसटी जैसा एक कर पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में देश भर में एकरूपता लायेगा और इससे केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और उपभोक्ताओं तीनों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में हाल में आए दो-दो भयावह तूफानों के चलते कच्चे तेल की कीमत बढी है। पिछले एक दो दिन मे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी दर्ज की गई है और आने वाले समय में कीमते और घट जाएंगी।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए कर जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी सडकों, स्वच्छ पेयजल, बेहतर शिक्षा प्रणाली की इच्छा रखने वालों को समझाना चाहिए कि इसके लिए खर्च की जरूरत है। ग्रामीण विकास, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सरकारी खर्च में तीन गुना बढोत्तरी हुई है।
उन्होंने कहा कि कोई भी दोनो हाथों में लड्डू होने की उम्मीद नहीं कर सकता। कर कोई ढकी छपी वस्तु भी नहीं है। गौरतलब है कि प्रधान ने पहले भी पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी कर प्रणाली के दायरे में लाने की बात कही थी और इसका कई भाजपा शासित राज्यों समेत अन्य राज्य विरोध कर रहे हैं।
अब देखना ये है कि क्या पेट्रोलियम मंत्री
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