पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर, और बढ़ सकते हैं दाम, जरूरी वस्तुएं भी होंगी महंगी!
Diesel Price ने माल भाड़े में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में खाद्य सामग्री के दामों में भी इतनी ही तेजी संभव है...

जयपुर/नई दिल्ली। Petrol-Diesel की कीमतें रविवार को उच्चतम स्तर पर रहीं। दिल्ली में पेट्रोल 33 पैसे बढकऱ 76.24 रुपए लीटर तथा मुंंबई में 84 रुपए लीटर को पार कर गया। Diesel ने भी दिल्ली में 67.57 रुपए के साथ रेकॉर्ड तोड़ दिए।
इससे पहले दिल्ली में पेट्रोल की सबसे ज्यादा कीमत 76.06 रुपए 14 सितंबर, 2013 को थी। जयपुर में रविवार को Petrol 79.02 रुपए लीटर और डीजल 72.01 रुपए लीटर रहा। बीते 4 सप्ताह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं। हालांकि कर्नाटक चुनाव के दौरान दामों में दैनिक उतार-चढ़ाव पर 19 दिन रोक रही।
14 मई को दैनिक समीक्षा शुरू हुई, तब से कीमतें बढ़ी हैं। एक हफ्ते में पेट्रोल 1.61 रुपए और डीजल 1.64 रुपए लीटर महंगा हो गया है। दिल्ली के दाम सभी प्रदेशों की राजधानियों और मेट्रो शहरों की तुलना में सबसे कम हैं। दरअसल, राज्यों में लगने वाले करों की वजह से हर जगह इनकी कीमत अलग-अलग होती है।
500 करोड़ का नुकसान
जून, 2017 में तेल की कीमतों में रोजाना बदलाव शुरू होने के बाद पहली कर्नाटक चुनाव के दौरान लगातार 19 दिन तेल की कीमतें स्थिर रहीं। एक आकलन के अनुसार इस दौरान तेल कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरते भाव के कारण करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
9 बार उत्पाद शुल्क बढ़ा
भाजपा सरकार बनने के बाद नवंबर 2014 से जनवरी, 2016 तक कच्चे तेल की गिरती कीमत के बावजूद 9 बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। पेट्रोल पर 11.77 रु./ली. और डीजल पर 13.47 रु./ली.। सिर्फ एक बार पिछले साल अक्टूबर में 2 रुपए घटाए गए।
और बढ़ेंगी कीमतें
कच्चे तेल की कीमत को देखते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतें और बढऩे की आशंका है। नवंबर 2014 के बाद ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर है।
पेट्रोल : मुंबई सबसे महंगा, गोवा सस्ता
मुंबई 84.07 रु./ली.
हैदराबाद 80.76 रु./ली.
जयपुर 79.02 रु./ली.
पणजी 70.26 रु./ली.
रसोई तक हो सकता है महंगे डीजल का असर
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि डीजल की बढ़ी कीमतों का असर रसोई तक पहुंच सकता है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि डीजल की बढ़ती कीमतों ने हमें माल भाड़े में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में खाद्य सामग्री के दामों में भी इतनी ही तेजी संभव है।

क्यों महंगा हुआ?
सरकार कच्चा तेल महंगा होने का हवाला देती है। पूर्व पेट्रोलियम सचिव एससी त्रिपाठी के मुताबिक चुनाव के दौरान कीमत न बढ़ाने से हुए नुकसान की भरपाई कर रही है।
कम हो सकता है?
कर सकती है, लेकिन सरकार उत्पाद शुल्क से 4-5 लाख करोड़ सालाना आय गंवाना नहीं चाहती। दवाब आता है तो केंद्र और राज्य एक-दूसरे से दाम कम करने को कहते हैं।
19 दिन क्यों नहीं?
सरकार कहती है कि कीमतें कंपनियां तय करती हैं। लेकिन कर्नाटक और गुजरात चुनाव के दौरान दाम नहीं बढ़े। इससे सरकार का हस्तक्षेप साफ होता है।
जीएसटी कब तक?
सरकार हमेशा दलील देती है कि राज्यों की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा। अभी 21 राज्यों में भाजपा या उसके गठबंधन की सरकार है। केंद्र चाहे तो इसे जीएसटी में ला सकती है।
- भाजपा सरकार जनता को ठग रही है। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक चुनाव में पेट्रोल की कीमत बढ़ाने पर रोक लगा दी। निजी हित में रोक सकते हैं तो जनता के हित में क्यों नहीं?
जयवीर शेरगिल, प्रवक्ता, कांग्रेस
- मैं मानता हूं कि देश के लोगों को और मुख्यत: मध्यम वर्ग के लोगों पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों का बुरा असर पड़ा है। भारत सरकार इसका हल निकालने के लिए जल्द ही कोई कदम उठाएगी।
धर्मेंद्र प्रधान, पेट्रोलियम मंत्री
- यूपीए सरकार के मुकाबले क्रूड की कीमतें काफी कम हैं। फिर भी पेट्रोल-डीज़ल की दरें रोज बढ़ रही हंै। जनता कभी भी सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतर सकती है।
सचिन पायलट ,कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
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