राजस्थान पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनित बगई ने बताया कि तेल कंपनिया तेल कंपनियों ने उनकी लाइसेंस फीस को तीन गुणा कर दिया है। लेबर रेट को भी केन्द्र वेज बोर्ड के अनुसार किए जाने की बात कही जा रही है। पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी तय कर दी है।
तेल कंपनियों ने पंप पर जीरो टोलेंस पॉलेसी लागू की है। इसके तहत सभी पेट्रोल पंप पर कंपनियों ने एक उपकरण लगाया है। उपकरण के खर रखाव की जिम्मेदारी भी पंप मालिकों को दी है।
उपकरण में गलत रीडिंग आने पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना करने का नियम बनाया है। पंप मालिक जीएसटी भी लागू कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होने बताया कि इन मांगों को लेकर 12 अक्टूबर की रात 12 बजे से 13 अक्टूबर की रात 12 बजे तक ना तो पेट्रोल-डीजल बेचा जाएगा और ना ही खरीदा जाएगा।
READ: जयपुर डेयरी अध्यक्ष पूनियां का वायरल वीडियो , मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री को सुनाई खरी खोटी गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो रुपए प्रति लीटर घटा दिया था। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया था कि भारत सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर मूल उत्पाद शुल्क में दो रुपए प्रति लीटर कमी करने का फैसला किया है। बयान के बताया था कि सरकार ने यह कदम आम लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में वृद्धि के बाद उठाया है।