असल में देश में जब लॉकडाउन—3.0 की घोषणा हुई विभिन्न राज्यों में ठहरे हुए प्रवासी पैदल ही अपने राज्यों के लिए निकल पडे। राजस्थान से भी सात से आठ लाख प्रवासी मजदूर अपने घरों के लिए निकल पड़े। सड़क पर पैदल चलते समय कई मजदूरों की मौत होने, मजदूरों के भूखे प्यासे कई किलोमीटर तक चलने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंभीर माना और प्रदेश के जिलों में 39 श्रमिक कैंप स्थापित किए। चूंकि अब प्रदेश से अधिकांश श्रमिक अपने अपने राज्यों में जा चुके हैं। ऐसे में अब सरकार ने इन कैंपों को आज से बंद करने का निर्णय किया है।